कृषी कानून की आड़ में अराजकता की राजनीति- सुधीर दीवें

बुलंद गोंदिया। केंद्र सरकार द्वारा किसानों के हित में पारित किए गए तीन कृषि बिलों का विरोध विपक्ष द्वारा अराजकता की राजनीति के रूप में कर रहा है। ऐसा आरोप 14 दिसंबर को भाजपा कार्यालय में आयोजित पत्र परिषद में महाराष्ट्र भाजपा किसान मोर्चा के महामंत्री सुधीर दिवे ने लगाया। आगे उन्होंने कहा कि दिल्ली की सीमा पर पंजाब हरियाणा के किसानों द्वारा गत 17 दिनों से किए जा रहे आंदोलनकारियों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कृषि मंत्री, गृह मंत्री व वित्त मंत्री द्वारा चर्चा कर उनकी मांगों को संशोधन के रूप में बिल में शामिल करने की बात स्वीकार की है। लेकिन आंदोलनकारी किसानों का हित ना देखते हुए सिर्फ अपनी राजनीति कर रहे हैं। मोदी सरकार द्वारा पारित किए गए बिल से किसानों की आर्थिक उन्नति होंगी जिससे वे अपने ऊपज देश के किसी भी क्षेत्र में बिक्री कर सकते हैं। खुले बाजार के साथ-साथ ए.पी.एम.सी भी शुरू रहेंगी जिससे किसान अपनी मर्जी से कहीं भी उपज की बिक्री कर सकता है। आज विपक्ष जिस बिल का विरोध कर रहा है वह कांग्रेस के 2019 लोकसभा चुनाव के घोषणा पत्र में भी शामिल था तथा राज्य में महाविकास आघाडी द्वारा भी अध्यादेश जारी किया गया है। आंदोलन में किसानों की आड़ में असामाजिक तत्व राजनीति कर रहे हैं जिसे आज देश के किसानों को समझना होगा। आयोजित पत्र परिषद के अवसर पर सांसद सुनील मेंढे, रमेश भाऊ कुथे, नेतराम कटरे, नंदकुमार बिसेन, संजय टेमरे, संजय कुलकर्णी, जयंत शुक्ला, गजेंद्र फुडे उपस्थित थे ।

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