गोरेगांव तहसील वन तलाव घोटाला आरएफओ जाधव व अन्य दो से 12 लाख 58 हजार की वसूली 3 वर्षों में नहीं की वन विभाग ने जिलाधिकारी के आदेश का उल्लंघन

बुलंद गोंदिया। (नवीन अग्रवाल)- गोरेगांव तहसील के अंतर्गत वन विभाग चिल्हाटी व मुर्दोंली में निर्माण किए गए वन तलाव में भ्रष्टाचार होने का मामला सामने आने पर विभागीय आयुक्त नागपुर के आदेश से जांच की गई। जिसमें गोरेगांव के तत्कालीन आरएफओ एस.एम जाधव, क्षेत्र सहायक एम.ए बिसेन व कंट्री अभियंता एम.यू छीरसागर को दोषी करार दिया गया। वह इस संदर्भ में दोषियों से नुकसान भरपाई 12लाख 58हजार 221 रुपए की वसूली करने का आदेश जिलाधिकारी कादंबरी बलकवडे द्वारा दिया गया था। लेकिन 3 वर्षों के बावजूद वन विभाग द्वारा इन दोषी अधिकारियों से वसूली ना कर जिलाधिकारी के आदेश की अवहेलना कर भ्रष्टाचारी दोषी अधिकारियों को बचाने का कार्य कर रहा है।

गौरतलब है कि वर्ष 2018 में गोरेगांव वनपरी क्षेत्र अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में वन तालाब का निर्माण रोजगार हमी योजना के अंतर्गत मंजूर किए गए थे।
जिसमें चिल्हाटी वह मुर्दोंली वन तलाव का भी समावेश था। इसकी तकनीकी मंजूरी वन परीक्षेत्र अधिकारी गोरेगांव व प्रशासकीय मान्यता तहसीलदार गोरेगांव द्वारा दी गई थी।
उपरोक्त कार्य को पूर्ण करने की जिम्मेदारी वन परीक्षेत्र अधिकारी गोरेगांव की थी किंतु उपरोक्त मामले में भारी भ्रष्टाचार वह घटिया निर्माण कार्य लापरवाही के चलते वन तालाब का निर्माण घटिया स्तर का हुआ था। जिस में बारिश के दौरान ओवरफ्लो निकासी से पानी निकलने के स्थान पर तलाव के मध्य से मट्टी फूट कर पानी बह गया था जिससे शासन को लाखों रुपए का नुकसान हुआ था।
उपरोक्त मामले में पत्रकार नवीन अग्रवाल व मुकेश मिश्रा द्वारा गोरेगांव वन विभाग से माहिती के अधिकार के अंतर्गत दस्तावेज प्राप्त कर इसकी शिकायत विभागीय आयुक्त ग्रामीण रोजगार हमी योजना नागपुर वह जिलाधिकारी गोंदिया को की गई थी।
शिकायत के पश्चात उपरोक्त मामले की जांच का आदेश 18 जून 2019 को विभागीय आयुक्त द्वारा देकर समिति का गठन किया गया था।
जांच समिति के विजय बोंद्रे कार्यकारी अभियंता विभागीय आयुक्त कार्यालय नागपुर द्वारा 12 जून 2019 को वन तलाव चिल्हाटी एवं मुरदोली की जांच किए जाने पर गंभीर अनियमितता व भ्रष्टाचार सामने आया था।
इसके पश्चात उपरोक्त वन तलाव के निश्चित नुकसान की राशि निकालने के लिए कार्यों के प्रत्यक्ष नाप जोक करने के लिए समिति का गठन किया गया था। जिसमें जिला जलसंधारण अधिकारी लघु पाटबंधारे जिला परिषद गोंदिया, उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी पंचायत जिला परिषद व तहसीलदार गोरेगांव समावेश था।
जिनके द्वारा जांच किए जाने पर दोनों तलाव के फूटने पर शासन का 12लाख 58हजार 221 रुपए नुकसान होने का मामला सामने आया था।
जिसमें तत्कालीन वन परीक्षेत्र अधिकारी, सहायक वन परीक्षेत्र अधिकारी ने कार्य में लगे ठेकेदारी अभियंता से उचित कार्य नहीं कराने व भ्रष्टाचार होने का अहवाल विभागीय आयुक्त को दिया था।

जिसके अनुसार उपरोक्त कार्यो में नुकसान में कौन-कौन अधिकारी व कर्मचारी जिम्मेदार है तथा किस से कितना आर्थिक नुकसान वसूल करना है यह निश्चित करने के लिए जिला जलसंधारण अधिकारी लघु पाटबंधारे जिला परिषद गोंदिया ,उप मुख्य कार्यकारी अभियंता पंचायत जिला परिषद गोंदिया व तहसीलदार गोरेगांव, उप मुख्य लेखा अधिकारी व वित्त अधिकारी जीप गोंदिया को आदेश के अनुसार समिति का गठन किया गया था।

समिति द्वारा 8 जून 2020 को उपरोक्त आदेश के अनुसार अपना अहवाल दिया
1) जिसमें वन तलाव चिल्हाटी कार्यो पर नुकसान की रकम 1लाख 53 हजार 418 मुर्दोंली नुकसान की राशि 2 लाख 65 हजार 989 प्रकार कुल 4 लाख 19 हजार 407 रुपए ठेकेदारी कनिष्ठ अभियंता एम.यू छीरसागर पंचायत समिति गोरेगांव।
2) वन तलाव चिल्हाटी कार्यो पर नुकसान की रकम 1लाख 53 हजार 418 मुर्दोंली नुकसान की राशि 2 लाख 65 हजार 989 प्रकार कुल 4 लाख 19 हजार 407 रुपएक्षेत्र सहायक एम.ए बिसेन
3) वन तलाव चिल्हाटी कार्यो पर नुकसान की रकम 1लाख 53 हजार 418 मुर्दोंली नुकसान की राशि 2 लाख 65 हजार 989 प्रकार कुल 4 लाख 19 हजार 407 रुपए वन क्षेत्राधिकारी सुरेश जाधव गोरेगांव से वसूल करने का लिया था।
उपरोक्त अहवाल प्राप्त होने के पश्चात जिले की तत्कालीन जिलाधिकारी कादंबरी बलकवड़े द्वारा 15 जून 2020 को आदेश जारी कर वन विभाग के दोनों अधिकारियों व ठेकेदारी अभियंता से 12लाख 58हजार 221 रुपए की राशि वसूल करने व शासन को जमा करने का आदेश का पत्र उप वन संरक्षक वन विभाग गोंदिया को दिया था।

3 वर्षों में वन विभाग ने अपने दोषी अधिकारियों से नहीं की वसूली
गोरेगांव वन परीक्षेत्र के अंतर्गत वन तलाव भ्रष्टाचार व घटिया कार्यों की जांच के पश्चात विभागीय आयुक्त के निर्देश पर जिलाधिकारी गोंदिया द्वारा प्राप्त अहवाल के अनुसार शासन को नुकसान होने वाली राशि की वसूली का आदेश का पत्र वन विभाग को दिया गया था, किंतु वन विभाग द्वारा अपने भ्रष्टाचारी अधिकारियों को बचाने का कार्य किया जा रहा है तथा गत 3 वर्षों के दौरान जिलाधिकारी के आदेश दिए जाने के बावजूद दोषी अधिकारियों से राशि वसूल कर शासन के खाते में जमा नहीं कराई गई है।
प्रकरण अभी सामने आया
गोरेगांव वन तलाव जांच मैं दोषी अधिकारियों से राशि वसूलने का पत्र जिलाधिकारी द्वारा दिया गया है यह प्रकरण अभी सामने आया है इस मामले की जांच कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
– प्रदीप पाटिल सहायक वन संरक्षक रोहयो व वन्यजीव विभाग वन विभाग गोंदिया ।

स्मरण पत्र दिया गया
प्राप्त जानकारी के अनुसार जिलाधिकारी कार्यालय के रोजगार हमी योजना विभाग द्वारा उप वन संरक्षक वन विभाग गोंदिया को गत सप्ताह फिर से दोषी अधिकारियों से राशि वसूल करने का स्मरण पत्र लिया गया है। अब यह देखना है कि वन विभाग द्वारा इस मामले में जल्द से जल्द क्या कार्रवाई की जाती है।

वन परीक्षेत्र अधिकारी जाधव के अनेक भ्रष्टाचार के मामले
गोरेगांव में कार्यरत तत्कालीन वन परीक्षेत्र अधिकारी सुरेश जाधव के अनेक भ्रष्टाचार के मामले इसके पूर्व भी सामने आए हैं मात्र दो वन तलाव नहीं इसके साथ ही अनेक वन तलाव में भी भारी पैमाने पर भ्रष्टाचार किया किंतु कुछ मामलों में वह बच गया। जिसका गत 3 वर्षों पूर्व गोंदिया जिले से तबादला होने के बावजूद गत कुछ माह में फिर से गोंदिया जिले में सड़क अर्जुनी वन परीक्षेत्र का चार्ज लिया है। जहां पर अवैध सागवान कटाई का मामला या संरक्षित वन क्षेत्र में हाईवे का कार्य कर रही कंपनी से भारी राशि लेकर गट्टू बनाने की फैक्ट्री की मंजूरीअवैध रूप से देने का जब मामला खुलने लगा तो अपनी गर्दन बचाने के लिए खुद ही गट्टू फैक्ट्री पर पहुंचकर छापामार कार्यवाही कर मीडिया में अपनी वाहवाही की खबरें भेजा जिससे उपरोक्त भ्रष्टाचार में वह शामिल नहीं है ऐसा साबित किया किंतु अबे सागवान कटाई वह गट्टू मामले में वन परीक्षेत्र अधिकारी के खिलाफ विभागीय जांच चल रही है। जिसमें यह देखना है कि दोषी अधिकारी पर अब वन विभाग द्वारा क्या कड़ी कार्रवाई की जाती है।

वन परीक्षेत्र अधिकारी जाधव से ही हो 12लाख 58हजार 221 रुपए की वसूली

गोरेगांव तहसील के वन क्षेत्र के अंतर्गत वन तालाब का निर्माण किया गया जिसमें भारी पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी तत्कालीन वन परीक्षेत्र अधिकारी सुरेश जाधव की है। उपरोक्त मामले में अन्य दो सहयोगियो से राशि वसूलने का आदेश दिया गया जिसमें ठेकेदारी कनिष्ठ अभियंता एम यू छीरसागर को नौकरी से निकाल दिया गया है , तथा सहायक वन क्षेत्र सहायक एम.ए . बिसेन का निधन हो चुका है। जिसके चलते शासन को नुकसान होने वाली संपूर्ण राशि 12लाख 58हजार 221 रुपए की वसूली वन परीक्षेत्र अधिकारी जाधव से ही की जानी चाहिए।

अनेक वन तलाव के कार्यों में हुआ था भ्रष्टाचार
गोरेगांव तहसील के अंतर्गत वर्ष 2018 में वन परीक्षेत्र गोरेगांव के अंतर्गत मौजा सोनी, मौजा तेलंनखेड़ी,आंबेतलाव, तुमसर, दवड़ीपार, मुरदोली वह चिल्हाटी में वनतलाव का निर्माण किया गया था जिसमें सभी में भारी पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ था।

भ्रष्टाचार का मामला सामने आने पर सूचना के अधिकार के अंतर्गत पत्रकार नवीन अग्रवाल व मुकेश मिश्रा द्वारा वन विभाग गोरेगांव से जानकारी प्राप्त की गई वह इसकी शिकायत आयुक्त महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार हमी योजना नागपुर व जिलाधिकारी गोंदिया को की गई थी। जिसके आधार पर जांच होने के पश्चात भ्रष्टाचार का मामला सामने आया था वह शासकीय अहवाल के अनुसार दोषियों से नुकसान भरपाई भरने का आदेश तत्कालीन जिलाधिकारी कादंबरी बलकवडे द्वारा जारी किया गया था। लेकिन वन विभाग द्वारा अपने दोषी अधिकारियों को बचाने के लिए अब तक उनसे वसूली कर शासन के खाते में जमा नहीं किया गया वह जिलाधिकारी के आदेश की अवहेलना की जा रही है।

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