गोंदिया -बल्लारशाह रेलवे लाइन के दोहरीकरण के लिए केंद्र ने 4818 करोड़ की निधि की मंजूर 240 किमी रेलवे मार्ग का होगा निर्माण रेल मंत्री अश्विन वैष्णव

बुलंद गोंदिया। गोंदिया से बल्लारशाह जाने वाले रेलवे मार्ग का दोहरीकरण का कार्य केंद्र सरकार द्वारा मंजूर कर 240 किलोमीटर की रेलवे लाइन के लिए 4 हजार 818 करोड रुपए की निधि की मंजूरी दी इसकी जानकारी वर्चुअल टेली कांफ्रेंस के माध्यम से केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव व महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा दी गई।
गौरतलब है की गोंदिया जिला या महाराष्ट्र के अंतिम छोर पर स्थित है तथा जिले की सीमा पूर्व में छत्तीसगढ़, उत्तर में मध्य प्रदेश के साथ गोंदिया से बल्लारशाह और चंद्रपुर तक इसकी सीमा आंध्र प्रदेश व तेलंगाना से लगती है।
गोंदिया जिला या व्यापारिक दृष्टिकोण व औद्योगिक विकास के लिए एक महत्वपूर्ण जिला बन चुका है, जिसके चलते गोंदिया जिले के रेलवे के विकास के लिए केंद्र सरकार द्वारा महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं।


इस संदर्भ में 11 अप्रैल को आयोजित वर्चुअल टेली कांफ्रेंस के माध्यम आयोजित पत्रपरिषदमें केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव वह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र ने स्वीकृत कार्यों की जानकारी देते हुए बताया कि गोंदिया से बल्लारशाह रेलवे लाइन का दोहरीकरण किया जाएगा जिसके लिए 4हजार 818 करोड रुपएकी निधि मंजूर की गई है।
इस कॉन्फ्रेंसिंग के अवसर परजिले के पालक मंत्री बाबासाहेब पाटील, सांसद प्रफुल्ल पटेल तथा जिले के सभी चारों विधायक उपस्थित थे।
इसके अलावा प्रभारी जिलाधिकारी एम.मुरुगानंथम, निवासी उप जिलाधिकारी भैया साहब बेहरे तथा रेलवे के उपमुख्यमंत्री अभियंता इदरीश मोहम्मद भी उपस्थित थे।
उल्लेखनीय है की केंद्र सरकार ने इस परियोजना के लिए 4हजार 818 करोड रुपए की निधि का प्रावधान किया है साथ ही जिसमें गोंदिया से बल्लारशाह के बीच 240 किलोमीटर के दूरी के मार्ग का निर्माण निर्माण किया जाएगा यह रेलवे लाइन दक्षिण भारत को उत्तर भारत से जोड़ने के लिए एक महत्वपूर्ण परिजन परियोजना होंगी साथ ही वड़सा से गडचिरोली रेलवे लाइन को भी मंजूरी दी गई है।
गोंदिया जिला चावल उत्पादन का महत्वपूर्ण गढ़ है इसके साथ ही गढ़चिरौली में भी विभिन्न परियोजनाओं के तहत स्टील हब का निर्माण किया जा रहा है तथा चंद्रपुर में कोयला वह अन्य खनिज यह विदर्भ के विकास के लिए मिल का पत्थर साबित होंगे जिसका लाभ पूर्वी विदर्भ को मिलेंगा ।

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