अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों के लिए उच्च शिक्षा छात्रवृति में वृद्धि, मोदी सरकार का महत्वपूर्ण निर्णय- राजकुमार बडोले

बुलंद गोंदिया। केंद्र की मोदी सरकार द्वारा अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों के उच्च शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति निधि में भारी बढ़ोतरी कर 59 हजार करोड रुपए करने का निर्णय लिया है। जिससे उच्च शिक्षा व विदेशों में शिक्षा प्राप्त करना विद्यार्थियों का सपना साकार होगा।इस प्रकार की जानकारी 8 जनवरी को शासकीय विश्राम गृह में आयोजित पत्र परिषद में राज्य के पूर्व मंत्री राजकुमार बडोले ने दी, साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्रीय समाज कल्याण मंत्री थावरचंद गहलोत का अभिनंदन किया। साथ ही उन्होंने बताया कि अब तक केंद्र सरकार की पीएमएस- एससी योजना के अंतर्गत उच्च शिक्षा के लिए अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को दिए जाने वाली छात्रवृत्ति पर्याप्त नहीं थी। तथा इसके वितरण में अनेक खामियां व भ्रष्टाचार की शिकायतें भी प्राप्त होती थी। केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा छात्रवृत्ति निधि में गत 5 वर्षों में सबसे अधिक वृद्धि की है। जिसमें पारदर्शिक वितरण को सुनिश्चित करने के लिए विद्यार्थियों की पात्रता आधार पहचान पत्र, जाति प्रमाण पत्र, बैंक विवरण की पुष्टि होने के बाद निधि ऑनलाइन वितरित होंगी। तथा आगे कहा कि वर्ष 2017 से 2020 के दौरान अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा के लिए प्रतिवर्ष 11 सौ करोड रुपए प्रदान किए जा रहे थे। जो अब आगामी 5 वर्षों में बढ़कर 6000 करोड रुपए प्रति वर्ष दिया जाएगा। जिसमें केंद्र सरकार का हिस्सा 60% व राज्य सरकारों का हिस्सा 40% होंगा। इसके पूर्व कांग्रेस प्रनीत यूपीए सरकार ने आंबेडकर, फुले- शाहू महाराज के नाम पर केवल राजनीति की है। जिन्होंने समस्याओं के समाधान के लिए गंभीर प्रयास नहीं किया जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस योजना में भारी बढ़ोतरी कर छात्रों के उच्च शिक्षा का मार्ग खोल दिया है। जिसमें दसवीं के पश्चात पैसों की कमी के चलते उच्च शिक्षा प्राप्त नहीं कर पाने वाले विद्यार्थियों को एक स्वर्णिम अवसर प्रदान हो गया है। इस योजना का लाभ विद्यार्थियों द्वारा बड़ी संख्या में लेने का आवाहन राजकुमार बडोले द्वारा किया गया है। आयोजित पत्र परिषद में भाजपा जिला अध्यक्ष केशवराव मानकर जे.डी जगनीत, शेषराव गिरेपुंजे, संजय टेभरे गुड्डू लिल्हारे, संजय कुलकर्णी आदि उपस्थित थे।

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