नई दिल्ली। उच्च न्यायालय द्वारा चुनाव आयोग द्वारा दायर की गई अंतरीम याचिका पर मंगलवार 16 सितंबर को सुनवाई करते हुए राज्य सरकार व चुनाव आयोग को आदेश दिया कि 31 जनवरी 2026 तक राज्य के सभी स्थानीय निकाय के चुनाव संपन्न करवाये।
यह आदेश न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने दिया साथ ही इसी वर्ष 10 अक्टूबर तक राज्य में परिसीमन प्रक्रिया पूरी करने का भी निर्देश दिया। उच्च न्यायालय ने इस पर आपत्ति जताई कि 6मई को जारी किए गए उनके आदेश जिसमें स्थानीय निकाय चुनाव की अधिसूचना 4 सप्ताह के अंदर वह चुनाव चार महीने के भीतर करवाने का निर्देश दिया गया था इसके बावजूद भी राज्य चुनाव आयोग इस संदर्भ में शीघ्र कार्रवाई करने में विफल रहा।
समय सीमा अब नहीं बढ़ेगी
अदालत ने अब महाराष्ट्र में स्थानीय चुनाव कराने के लिए उपरोक्त कार्यक्रम निर्धारित करते हुए समय सीमा को और बढ़ा दिया है। न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया कि इस संबंध में आगे कोई विस्तार नहीं दिया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने लगाई कड़ी फटकार
महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को अहम सुनवाई हुई। मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस सूर्यकांत ने महाराष्ट्र सरकार से पूछा- क्या चुनाव हो चुके हैं? इस पर सरकार के वकील ने कहा कि प्रक्रिया चल रही है। मई में आदेश पारित हुआ था। चुनाव 4 महीने में होने थे। परिसीमन हो चुका है और राज्य चुनाव आयोग कुछ समय विस्तार की मांग कर रहा है। एक अंतरिम अर्जी दायर की गई है।
सरकार के वकील का जवाब सुनकर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि हम आपको जनवरी तक का समय क्यों दें? सुनवाई के दौरान एक वकील ने कहा कि 29 नगर निगम हैं। पहली बार एक साथ चुनाव हो रहे हैं। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा-आपकी निष्क्रियता अक्षमता को दर्शाती हैं। हमें मौखिक रूप से कारण बताएं। इस पर वकील ने कहा कि हमारे पास 65 हजार EVM मशीनें हैं। 50 हजार और चाहिए, हमने ऑर्डर दे दिए हैं।
निकाय चुनाव लंबे समय से नहीं हुए
मई में सुप्रीम कोर्ट ने स्थानीय निकाय चुनाव कराने के लिए एक अंतरिम आदेश पारित किया था। जो ओबीसी के लिए आरक्षण लागू करने से संबंधित मुकदमेबाजी के कारण 2022 से रुके हुए थे।







