बुलंद गोंदिया। (संवाददाता कामठा )- गोंदिया तहसील के अंतर्गत आने वाले ग्राम बिरसी कामठा के सरपंच संतोष प्रकाश सोनवाने द्वारा एसटी प्रवर्ग का फर्जी प्रमाण पत्र देकर सरपंच पद प्राप्त किया था। जिसे जाली करार देते हुए जिलाधिकारी द्वारा सोनवाने को सरपंच पद से बेदखल किया गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार गोंदिया तहसील के अंतर्गत आने वाले ग्रामबिरसी कामठा में डेढ़ वर्ष पूर्व ग्राम पंचायत के चुनाव संपन्न हुए थे। जिसमें बिरसी कामठा निवासी संतोष प्रकाश सोनवाने सरपंच निर्वाचित हुए थे।
उल्लेखनीय है कि उस समय सरपंच पद एसटी प्रवर्ग के लिए आरक्षित था जिसके लिए संतोष सोनवाने द्वारा जात प्रमाण पत्र में बोगस दस्तावेज पेश कर एसटी प्रवर्ग का जाति प्रमाण पत्र बनवाकर सरपंच पद पर निर्वाचित हुआ था।
इस मामले की शिकायत ग्राम के निवासी सुरेश पंधरे व अन्य नागरिकों द्वारा जिलाधिकारी गोंदिया से की थी।
जिस पर जिलाधिकारी गोंदिया द्वारा उपरोक्त मामले की संपूर्ण जांच की व जांच समिति द्वारा सरपंच संतोष सोनवाने को दोषी पाया गया।
जिसके चलते जाति प्रमाण पत्र रद्द करने के साथ ही सरपंच पद से सोनवाने को बेदखल किया गया।
आदिवासी समाज को मिला न्याय
बिरसी कामठा का सरपंच पद आदिवासी समाज एसटी वर्ग के लिए आरक्षित था लेकिन सोनवाने द्वारा जाली दस्तावेज पेश कर सरपंच पद हथिया कर आदिवासी समाज पर अन्याय किया था। लेकिन जिलाधिकारी द्वारा दिए गए आदेश से आदिवासी समाज को न्याय मिला है।
-सुरेश पंधरे शिकायतकर्ता बिरसी।