बुलंद गोंदिया। गोंदिया जिले में मानसून के दौरान बाढ़ व आपातकालीन स्थिति की तैयारी के पूर्व प्रशिक्षण के लिए जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण गोंदिया द्वारा बाढ़ की स्थिति व अन्य आवश्यक सामग्री जिसमें ओबीएम (नाव के इंजन) तथा तलाश व बचाव के कार्यों के लिए उपयोग में लाई जाने वाली नाव का प्रशिक्षण गोरेगांव तहसील के अंतर्गत आने वाले कटंगी जलाशय में कर मॉकड्रिल की
गौरतलब है कि गोंदिया जिले में गत वर्ष के बाढ़ की स्थिति को मद्देनजर रखते हुए इस वर्ष जिला प्रशासन व जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण गोंदिया द्वारा इस परिस्थिति में जान माल की हानि के असर को कम करने के लिए जन जागरूकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है। जिसके तहत नागरिकों को बाढ़ व आपातकालीन स्थिति में तत्काल मदद उपलब्ध कराने के लिए जिला राहत व बचाव दल द्वारा नियमित मॉकड्रिल कर प्रशिक्षण कार्यक्रम किया जा रहा है।
इसी के तहत गोरेगांव तहसील के कटंगी जलाशय में प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया था।
विशेष यह है कि गोंदिया जिले के 96 ग्रामों में बाढ़ की संभावित स्थिति निर्माण होती है तथा जिले में मानसून द्वारा अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई जा चुकी है। मानसून के दौरान आपदा व्यवस्थापन यंत्रणा के माध्यम से बाढ़ की स्थिति में राहत व बचाव के उपयोग में आने वाली रबड़ फाइबर बोट , लाइफ जैकेट, लाइफ बाय, इमरजेंसी लाइट, इबीएम मशीन तथा अनुपयोगी वस्तु से तैयार की गई फ्लोटिंग डिवाइस इन सभी साहित्य का परीक्षण कर अपनी यंत्रणा को सजग किया है।
कटंगी जलाशय में खोज एवं बचाव दल के सदस्य नरेश उइके, राजकुमार खोटेले, जसवंत रहांगडाले, रवींद्र भंडारकर, संदीप कराडे, दीनू दीप, राजाराम गायकवाड़, महेंद्र तजने, दुर्गप्रसाद गंगापारी, मनोज केवट, इंद्रकुमार बिसेन आदि मौजूद थे।
बाढ़ की स्थिति में किए जाने वाले कार्यों, नागरिकों को सुरक्षित निकालने के उपाय, जिला नियंत्रण कक्ष के संचालन, मानक प्रक्रिया (एसओपी) और सभी संबंधितों के समन्वय के लिए जिला आपदा प्रबंधन खोज और बचाव दल द्वारा आवश्यक तैयारी की गई है।
बाढ़ नियंत्रण के लिए अंतर्राज्यीय समिति
इस वर्ष बाढ़ की स्थिति को देखते हुए मध्यप्रदेश के शिवनी, छिंदवाड़ा, बालाघाट जिलों और महाराष्ट्र के गोंदिया, भंडारा, गढ़चिरौली, चंद्रपुर, वर्धा और नागपुर जिलों की अंतर्राज्यीय बाढ़ नियंत्रण समिति की बैठक संभागीय आयुक्तों की अध्यक्षता में हुई है. नागपुर और जबलपुर। इस बैठक में मध्य प्रदेश में संजय सरोवर से वैनगंगा नदी के माध्यम से निर्वहन के संचालन के साथ-साथ बांध का पानी छोड़ने से पहले पूर्व सूचना और सभी संबंधित जिलों के आपस में समन्वय के संबंध में महत्वपूर्ण चर्चा की गई है. इस बीच, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के संबंधित जिलों के जिला कलेक्टरों ने बाढ़ की स्थिति के दौरान अपने जिलों में बांधों और नदियों की स्थिति और संबंधित प्रणाली को सुसज्जित रखने के बारे में जानकारी दी है. इसलिए जिला प्रशासन इस साल बाढ़ की स्थिति का सामना करने के लिए तैयार है।