बुलंद गोंदिया। गोंदिया नगर परिषद द्वारा शहर से निकलने वाले प्रतिदिन के कचरे को गणेश नगर मोक्षधाम परिसर में अनेक वर्षों से डाला जा रहा था जिस पर गत कुछ दिनों से आग लगने वह प्रदूषण फैलने की समस्या को लेकर गणेश नगर व परिसर के निवासियों द्वारा आंदोलन किया गया था। इस आंदोलन के चलते 17 नवंबर को नगर परिषद में विशेष सभा का आयोजन किया गया था जिसमें सभा में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि फिलहाल उपरोक्त डंपिंग यार्ड में कचरा नहीं डाला जाएगा तथा 18 नवंबर से पर पर्यायी व्यवस्था के रूप में कचरा डालने की व्यवस्था होंगी लेकिन इस सभा में शहर के के लिए डंपिंग यार्ड व घनकचरा प्रकल्प की स्थाई समस्या का हल नहीं हो पाया है।
गौरतलब है कि स्वच्छता अभियान के अंतर्गत शासन द्वारा शहर से निकलने वाले कचरे के नियोजन के लिए करोड़ों रुपए की राशि गोंदिया नगर परिषद को दी है। लेकिन अब तक नगर परिषद द्वारा डंपिंग यार्ड व घनकचरा प्रकल्प का नियोजन नहीं किए जाने से घनकचरा की व्यवस्था शहर वासियों के लिए एक समस्या बन चुकी है।
गत 20 से 25 वर्षों से शहर से निकलने वाला प्रतिदिन का कचरा गणेश नगर मोक्ष धाम क्षेत्र में डाला जा रहा था। जिससे वहां पर कचरे का एक विशाल पहाड़ निर्माण हो गया जिसमें गत कुछ दिनों से शहर वासियों को परेशान करने के उद्देश्य से जानबूझकर आग लगाकर पर्यावरण के साथ खिलवाड़ किया जा रहा था ।
जिससे परेशान होकर गणेश नगर व आसपास के नागरिकों द्वारा इसके खिलाफ आंदोलन शुरू कर 11 नवंबर को नगर परिषद कार्यालय पर मोर्चा निकालकर हल्ला बोल आंदोलन किया था जहां प्रतिनिधिमंडल से चर्चा करते हुए आम निष्कर्ष निकला था कि डंपिंग यार्ड पर कचरा नहीं डाला जाएगा तथा आग लगने नहीं दी जाएंगी किंतु 12 नवंबर को फिर से शहर के कचरे की गाड़ियां पहुंचने पर नागरिकों का जन आक्रोश फूट पड़ा तथा उन्होंने वाहनों पर रोक लगा दी ।
उल्लेखनीय है कि जहां कचरा डाला जा रहा है वहां कुछ जमीन शासकीय होने के साथ ही निजी व्यक्ति प्रमोद अग्रवाल की भूमि भी शामिल है। नागरिकों के कड़े विरोध को देखते हुए उस दिन तो अस्थाई व्यवस्था कर नगर परिषद मालकी याद कि मोक्ष धाम परिसर की भूमि पर कचरा डाला गया तथा इस संदर्भ में 17 नवंबर को नगर परिषद की विशेष सभा का आयोजन किया गया जिसमें काफी गहमागहमी के पश्चात यह निर्णय लिया गया कि फिलहाल गणेश नगर परिसर से लगे वर्तमान डंपिंग यार्ड में कचरा नहीं डाला जाएगा तथा इसकी पर्यायी व्यवस्था के लिए शहर के अन्य क्षेत्रों में कचरा डाला जाएगा जिसमें गौतम नगर बाजपाई वार्ड क्षेत्र से लगे गोंदिया चंद्रपुर रेलवे लाइन के समीप स्थित शासकीय भूमि पर 15 दिन तथा मरारटोली क्षेत्र में स्थित शासकीय भूमि पर 15 दिन कचरा डाला जाएगा किंतु सदन स्थाई व्यवस्था का निर्णय नहीं ले पाया है ।
सदन निर्णय होते ही क्षेत्र के पार्षद व बांधकाम सभापति राजकुमार कुथे द्वारा सभागृह से बाहर आकर गणेश नगर व आसपास के परिसर के निवासियों को जानकारी दी गई कि अब नगर परिषद द्वारा निजी जमीन व उपरोक्त डंपिंग यार्ड में शहर का कूड़ा कचरा नहीं डाला जाएगा तथा इस समस्या के समाधान के लिए नगराध्यक्ष अशोक इंगले उपाध्यक्ष व स्वच्छता सभापति शिव शर्मा, मुख्याधिकारी करण चौहान, घनश्याम पानतवने, पार्षद लोकेश यादव सतीश देशमुख क्रांति जायसवाल, सुनील तिवारी, विजय रगड़े द्वारा विशेष प्रयास किया गया।
निजी ठेकेदार को लाभ पहुंचाने लगाई जा रही थी आग
स्वच्छ महाराष्ट्र अभियान अंतर्गत गोंदिया नगर परिषद को घनकचरा प्रकल्प के तहत डंपिंग यार्ड व प्रोसेसिंग यूनिट के लिए 8 करोड रुपए की निधि प्राप्त हुई थी जिसके लिए नगर परिषद द्वारा ग्राम सोनपुरी में जमीन भी खरीद ली गई थी। किंतु राजनीतिक प्रतिद्वंदिता तथा निजी लाभ के लिए नगर परिषद के प्रकल्प के निर्माण में जानबूझकर विभिन्न बाधाएं निर्माण की गई जिससे नगर परिषद का डंपिंग यार्ड निर्माण ना हो तथा जिले में एकमात्र निजी प्रोसेसिंग यूनिट को शहर से निकलने वाला कचरा प्रोसेसिंग के लिए दिया जाए जिसका करोड़ों रुपए भुगतान नगर परिषद द्वारा किया जाए जिसका कमीशन जनप्रतिनिधियों को मिल सके इसलिए इस समस्या को गंभीर करने तथा शहर वासियों को परेशान कर नगर परिषद प्रशासन पर दबाव बनाने हेतु गत कुछ दिनों से शहर के वर्तमान डंपिंग यार्ड में आग लगाकर इस मुद्दे को काफी तुल दिया जाने लगा था तथा नागरिकों को परेशान कर प्रशासन के खिलाफ एक माहौल निर्माण कर दबाव बनाया गया जिस हेतु विशेष सभा आयोजित की गई किंतु उसका स्थाई हल नहीं निकला जिससे साफ दिखाई देता है कि गोरेगांव तहसील के अंतर्गत एमआईडीसी क्षेत्र में लगाया गया निजी प्रोसेसिंग कचरा प्रोसेसिंग यूनिट को ठेका मिल सके।
पर्यायी व्यवस्था की है स्थाई समाधान जल्द ही
गोंदिया नगर परिषद की विशेष सभा में फिलहाल पुराने डंपिंग यार्ड में कचरा नहीं डालने का निर्णय लिया गया है तथा इसकी पर्याई व्यवस्था नगर परिषद द्वारा की जा रही है तथा डंपिंग यार्ड व घनकचरा प्रकल्प के लिए जल्द ही स्थाई हल नगर परिषद की सभा द्वारा निकाला जाएगा जिससे शहर वासियों को इस गंभीर समस्या से निजात मिल सके।
-अशोक इंगले नगर अध्यक्ष नगर परिषद गोंदिया।
बायोमाइनिंग के तहत 17 हजार 541.6 क्यूबिक मिटर कचरे के प्रोसेसिंग के लिए 70 लाख का भुगतान
गोंदिया नगर परिषद अंतर्गत निकलने वाले कचरे को मोक्षधाम परिसर में गत 20 से 25 वर्षों से डाला जा रहा था। जिससे उसका वहां पर एक विशाल पहाड़ निर्माण हो गया था उपरोक्त कचरे को नष्ट करने तथा उसकी प्रक्रिया करने के लिए बायो माइनिंग प्रकल्प के अंतर्गत शासन द्वारा गूगल मैप के माध्यम से वर्ष 2015-16 में सर्वे किया गया था जिसमें मात्र 17541 क्यूबिक मीटर दर्शाया गया था जिसके लिए शासन द्वारा 75 लाख रुपए की निधि मंजूर की गई थी जबकि उपरोक्त क्षेत्र डंपिंग यार्ड में करीब एक लाख से अधिक क्यूबिक मीटर घनकचरा जमा है जिसका नगर परिषद द्वारा कुछ दिनों पूर्व टेंडर निकाल कर एक निजी प्रोसेसिंग यूनिट को दिया गया था जिसका टेंडर 5.50% बिलो जाने के साथ ही 70 लाख 94876 रुपए का भुगतान नगर परिषद द्वारा किया गया था।
डंपिंग यार्ड में डाला नहीं जाएगा कचरा विशेष सभा में प्रस्ताव मंजूर शहर से निकलने वाले कचरे की अस्थाई होंगी व्यवस्था नहीं निकला स्थाई हल
