बुलंद गोंदिया। गोंदिया जिला परिषद के स्वास्थ्य विभाग में दो परिचयों की टेबल पर लसूण के पत्ते पाए जाने पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा उन्हें निलंबित किया गया वहीं विधानसभा चुनाव के दौरान आचार संहिता का उल्लंघन कर बांधकाम विभाग के अधिकारि व कर्मचारियों द्वारा बैक डेट में वर्क आर्डर जारी करने पर उन पर अब तक कार्रवाई नहीं किए जाने तथा उन्हें अभय प्रदान करने के चलते जिपके मुख्य कार्यपालन अधिकारी की दोहरी नीति सामने आ रही है जिससे जिला परिषद परिसर में इस संदर्भ में चर्चा चल रही है।
गौरतलब की है स्वच्छ कार्यालय अभियान के अंतर्गत जिला परिषद के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा समय-समय पर कार्यालय का निरीक्षण कार्यवाही की जा रही है। इसी के अंतर्गत 9 जनवरी को स्वास्थ्य विभाग का निरीक्षण करने पर दो महिला परिचय लिल्हारे व उके के समीप टेबल पर लहसुन के पत्ते पाए जाने पर उन्हें निलंबित किया गया।
इस संदर्भ में जानकारी प्राप्त हुई की लिल्हारे नमक परिचय के घर में लहसुन के पत्ते होने पर उसने अपने सहयोगी महिला कर्मचारी परिचय को लाकर दिया था जिसे उन्होंने टेबल पर रखा था लेकिन इसी दौरान वरिष्ठ अधिकारियों के निरीक्षण में लहसुन के पत्ते कार्यालय समय पर पास में दिखाई देने पर उन्हें निलंबित किया गया।
आचार संहिता का उल्लंघन करने वालों पर अब तक कार्रवाई क्यों नहीं
विधानसभा चुनाव के समय जिला परिषद बांधकाम विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों वह ठेकेदारो द्वारा साठगाठ कर बांधकाम विभाग के ऊपरी मंजिल पर एक खाली कक्ष में बड़े पैमाने पर बैक डेट में वर्क आर्डर जारी किए गए थे।
जिस संदर्भ में मुख्य कार्यपालन अधिकारी को जानकारी भी दी गई थी वह समाचार पत्रों में इस संदर्भ में समाचार भी प्रकाशित हुए थे लेकिन उस मामले में कार्रवाई नहीं किए जाने पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी वह वरिष्ठ अधिकारियों की दोहरी नीति सामने आईरही है।
इस मामले में जिला परिषद परिसर में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों व अन्य लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है कि छोटे कर्मचारियों पर कार्रवाई की जाती है वहीं बड़े अधिकारियों की बड़ी गलती होने पर भी उन्हें अभय दिया जाता है।
कार्रवाई हो एक समान
जिला परिषद परिसर में स्वच्छ कार्यालय व स्वच्छ महाराष्ट्र अभियान के अंतर्गत जांच अभियान चलाया जा रहा है। जिसमें समय-समय पर कार्रवाई की जा रही है इसके साथ भी अन्य मामलों में कार्रवाई की जाती है लेकिन जिला परिषद में छोटे बड़ों का भेद कर कार्रवाई में पक्ष पात हमेशा किया जाता है।
जिससे जिला परिषद के छोटे कर्मचारियों व आने वाले नागरिकों में आए दिन चर्चा का विषय बना रहता है तथा चर्चा में यह बात सामने आ रही कि दोषियों पर कार्रवाई होना उचित है लेकिन सभी प्रकार के दोषियों पर कार्रवाई एक समान होनी चाहिए।