मातारानी की भावभीनी विदाई ,घट जवारो का विसर्जन, असत्य पर सत्य की जीत के प्रतीक के रूप में रावण के पुतले का दहन

बुलंद गोंदिया। शारदीय नवरात्र के पावन अवसर पर जिले के विभिन्न स्थानों पर मां जगदंबा की प्रतिमाओं को सार्वजनिक स्थानों पर विराजित कर 9 दिनों तक विभिन्न धार्मिक, सामाजिक आयोजन के साथ निरंतर महाप्रसाद का सिलसिला चलता रहा।


जिसके पश्चात विजयादशमी के दिन सार्वजनिक स्थानों पर विराजित माता की प्रतिमाओं को भावभीनी विदाई देने के साथ ही जिले के विभिन्न दुर्गा मंदिरों में स्थापित घट व जवारो का भी विसर्जन किया गया।

साथ ही विजयादशमी पर्व के अवसर पर असत्य पर सत्य की जीत के रूप में वर्षों से चली आ रही परंपरा के रूप में रावण के पुतले का विभिन्न स्थानों पर दहन कर नागरिकों द्वारा एक दूसरे को विजयदशमी पर्व की शुभकामनाएं दी गई।

गोंदिया शहर में विराजित सार्वजनिक पंडालों की बड़ी प्रतिमाओं का विसर्जन महाराष्ट्र मध्य प्रदेश की सीमा पर स्थित रजेगॉव बाघ नदी घाट पर किया गया जिसके लिए प्रशासन द्वारा क्रेन की व्यवस्था करने के साथ ही लाइटिंग व सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे।

विसर्जन का कार्यक्रम दोपहर से शुरू होकर देर रात तक चलता रहा इस दौरान जिले में संपूर्ण क्षेत्र में शांति बनी रही।

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