बुलंद गोंदिया। ग्रामीण क्षेत्र की प्रमुख स्थानीय संस्था ग्राम पंचायत में प्रशासनिक अधिकारी के रूप में अब शासन के आदेश अनुसार ग्राम विकास अधिकारी व ग्राम सेवक नाम के पद समाप्त कर नए पद नाम के साथ ग्राम पंचायत अधिकारी पंचायतो का कार्य देखेंगे।
गौरतलब है की ग्रामिण मंत्रालय के रूप में ग्राम पंचायत का महत्वपूर्ण कार्य है। जिसमें पदाधिकारी के साथ अधिकारी के रूप में राज्य में अब तक ग्राम पंचायत में प्रशासकीय कर्मचारियों के रूप में ग्राम सेवक व ग्राम विकास अधिकारी के पद नाम से कार्य कर रहे थे।
ग्राम पंचायत में अलग-अलग पद नाम होने के चलते कर्मचारियों द्वारा अनेक वर्षों से मांग की जारी थी कि दोनों पदों को एकत्र कर एक ही पद नाम का निर्माण किया जाए। जिसका प्रस्ताव शासन के समक्ष विचाराधीन था जिस पर ग्राम विकास विभाग महाराष्ट्र शासन24 सितंबर को आदेश जारी कर यह दोनों पद नाम रद्द कर उसके स्थान पर ग्राम पंचायत अधिकारी पद नाम निर्माण किया है।
जिससे अब ग्राम पंचायत में ग्राम सेवक व ग्राम विकास अधिकारी पद नाम के स्थान पर ग्राम पंचायत अधिकारी के पद नाम अमल में आ गया है, जिससे अब उन्हें ग्राम पंचायत अधिकारी के नाम से जाना जाएगा।
उल्लेखनीय है कि ग्राम पंचायत के विकास में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी यह कर्मचारी निभाता है तथा एक ही संवर्ग में दो अलग-अलग पद होने से कर्मचारियों के साथ अन्य हो रहा था लेकिन अब इसी संवर्ग में समान पद होने से वेतन की त्रुटि व अन्याय को दूर किया जा सकेगा।
तथा ग्राम के विकास को और गति प्राप्त होगी साथ ही शासन द्वारा ग्राम पंचायत के सरपंच व उप सरपंच के मानधन में भी दुगनी बढ़ोतरी की गई है जिसका लाभ निश्चित रूप से ही ग्राम पंचायत के कामकाज को मिलेगा।
कर्मचारियों को मिला न्याय
ग्राम पंचायत में ग्राम सेवक व ग्राम विकास अधिकारी के अलग-अलग पद होने से वेतन श्रेणी वह पदोन्नति में काफी परेशानी सामने आ रही थी लेकिन अब एक ही श्रेणी का पद निर्माण हो जाने से इस संवर्ग में वेतन त्रुटी दूर होगी तथा ग्राम पंचायत में अब ग्राम पंचायत अधिकारी के पद नाम से पद की गरिमा भी बढ़ेगी। इसके लिए ग्राम पंचायत अधिकारी यूनियन द्वारा गत 8 वर्षों से शासन से मांग की जा रही थी जिसे सफलता प्राप्त हुई।
राज्य के 22000 ग्राम पंचायत अधिकारियों द्वारा राज्य सरकार को धन्यवाद व्यक्त किया।
– कमलेश बिसेन जिला अध्यक्ष ग्राम पंचायत अधिकारी यूनियन गोंदिया।