बुलंद गोंदिया। महाराष्ट्र व संपूर्ण देश में गोंदिया जिले की पहचान प्रेम के प्रतीक सारस के पंछी के रूप में होने लगी थी जिसके लिए शासन द्वारा प्रतिवर्ष करोड़ों रुपए की निधि खर्च की जा रही है। लेकिन अब ऐसा लगता है कि सारस संवर्धन सिर्फ कागजों पर ही दिखाई दे रहा है। तथा आए दिन अनेक सारस पंछी के मौत के मामले सामने आ रहे हैं।
जिससे उनकी बढ़ती संख्या पर लगाम लगने के साथ ही सरसों की संख्या में कमी हो रही है। इसी प्रकार का एक मामला 10 दिसंबर शनिवार को शाम 5:00 बजे के दौरान सामने आया जिसमें आमगांव तहसील के घाटटेमनी निवासी रिधीराम मेन्ढे के खेत परिसर में एक सारस पंछी की विद्युत प्रवाह की चपेट में आकर मौत हो गई। आमगांव घाटटेमनी के सारस मित्र बबलू चुटे,डॉ कैलाश हेमने, मधूसुदन डोये , उपसरपंच रामचंद ठाकरे , मुकेश कोरे ने जानकारी दी वह बताया कि दुर्लभ प्रेम के प्रतीक सारस का जोड़ा उपरोक्त परिसर में हमेशा दिखाई देता था किंतु वे असुरक्षित हो रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि जिले में सारस पंछी के साथ-साथ बड़ी संख्या में प्रवासी विदेशी पंछी भी यहां आते हैं जिसके चलते पंछी प्रेमी उनके दर्शन व शोध के लिए भी बड़ी संख्या में गोंदिया जिले में आते हैं किंतु गत कुछ समय से विद्युत करंट लगने, शिकार, जहरीला खाद्य पदार्थ आदि के चलते पंछियों की मौत हो रही है।
प्रतिवर्ष करोड़ों रुपए खर्च किए जाने के बावजूद भी सारस व अन्य पंछियों के संवर्धन पर सवालिया निशान लग रहे हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार गत 3 वर्षों में आठ सारस की मौत हो चुकी है जिसमें दासगांव में 2,डागोरली में 1 , परसवाड़ा में 1 ,पांजरा में 1 , कामठा में 2 , वह आज घाटटेमनी में 1 की मौत हुई है. गत कुछ दिनों पूर्व ही एक सारस की मौत परसवाड़ा में विद्युत करंट लगने से हुई थी।
प्रेम के प्रतीक सारस के लिए विद्युत तार बन रहे काल एक सारस की करंट लगने से मौत आमगांव के घाटटेमनी में हुआ हादसा जिले में सारस संवर्धन पर लग रहा प्रश्नचिन्ह
