बुलंद गोंदिया। ग्रामीण कामगारों की लाईफ लाईन कहे जाने वाली बालाघाट-गोंदिया ट्रैन की रोजना हो रही लेटलतीफी के चलते यात्रियों ने ट्रेन रोककर अपना आक्रोश प्रकट किया तथा पटरी पर धरना दिया।प्राप्त जानकारी के अनुसार घटना मंगलवार 30 अगस्त को काटी के समीप खारा रेलवे स्टेशन पर 12 बजकर 20 मिनट पर घटित हुई।
गौरतलब है कि सैकड़ो कामगार जो ग्रामीण क्षेत्र से इस ट्रेन से गोंदिया काम पर आते है। परंतु इस ट्रेन के पिछले 10-15 दिनों से रोजाना लेट होने से वे काम
पर समय पर पहुंच नही पा रहे थे। नतीजतन उन्हें काम नही मिल पा रहा था या फिर उन्हें काम से हटाकर दूसरों से काम लिया जा रहा था। यहां तक कि स्कूल जाने वाले छात्र-छात्राएं भी इसका दंड भुगत रहे है।
इस लेटलतीफी का कारण यात्रियों ने बालाघाट-गोंदिया ट्रैन को मानकर आज अपना आक्रोश व्यक्त किया। ट्रैन को करीब 35 मिनट तक रोके जाने की जानकारी वर्तमान डीआरयूसीसी सदस्य जसपाल सिंह चावला ने दी। कटँगी-गोंदिया मेमू ट्रैन का खारा स्टेशन में तय समय 9 बजे की बजाए 11.49 को आगमन हुआ। तीन घँटा देरी के कारण ही यात्रियों ने अपना गुस्सा प्रकट कर इंजिन के सामने आकर समय पर ट्रेन संचालित करने की मांग की और ट्रेन को रोके रखा।
इस मामले पर दपुमरे नागपूर मंडल के डीआरयूसीसी सदस्य जसपाल सिंह चावला ने कहा, ट्रेनों की रोजाना लेटलतीफी से यात्रियों को जो परेशानी हो रही है वो दुःखद है। परंतु यात्रियों ने जो आक्रोश व्यक्त कर ट्रैन रोकने का रास्ता अपनाया वो गलत है। यात्रियों ने ट्रेन के विलंब होने के मामले पर वरिष्ठ अधिकारियों को निवेदन देकर संज्ञान में लाना चाहिए था। मेरा रेल विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से निवेदन है कि वे यात्रियों की समस्याओं को देख ट्रेनों का परिचालन निर्धारित समय पर कराकर सहयोग प्रदान करें।
ट्रैन रोकने के इस मामले पर सुरक्षा की दृष्टि से बालाघाट और गोंदिया से आरपीएफ की टीम घटनास्थल पर पहुँची। बालाघाट आउट पोस्ट थाने में करीब 10-15 यात्रियों पर मामला दर्ज होने की जानकारी मिली है।