बुलंद गोंदिया। जर्जर अवस्था में पहुंच चुका शहर के उड़ान पुल को बंद करने के आदेश जिलाधिकारी द्वारा 2 मई को ही लोक निर्माण विभाग को दे दिया गया था। लेकिन बुधवार 4 मई को भी इस जर्जर उड़ान पुल को बंद नहीं किया गया। जिस कारण पुलिया से जानलेवा सफर देर रात तक चलता रहा। आदेशों की किस तरह से अनदेखी की जा रह है। इसका प्रत्यक्ष दृश्य बुधवार को देखा गया है।
गौर तलब है कि 1952 में गोंदिया-बालाघाट मार्ग पर उड़ान पुल का निर्माण किया गया था। जिसे 70 वर्ष पुरे हो चुके है। अब इस उड़ान पुल की इतनी हालत जर्जर हो चुकी है कि उसे बंद करना ही एकमात्र विकल्प है। प्राप्त जानकारी के अनुसार 2014 में ही यह उड़ान पुल आवागमन के लिए किसी खतरे से कम नहीं है इस तरह की सूचना रेलवे विभाग ने जिला प्रशासन को दी थी, क्योंकि इस उड़ान पुल के निचे से मुंबई-हावड़ा रेलवे लाईन गुजरती है, लेकिन इस ओर अनदेखी ही की गई। फिर से 2018 में इस उड़ान पुल की जांच करते हुए सार्वजनिक लोक निर्माण विभाग द्वारा अहवाल प्रस्तुत किया गया था कि पुराना उड़ान पुल जर्जर हो चुका है। अहवाल के चार साल बाद जिला प्रशासन ने 2 मई को आदेश जारी किए कि 2 मई से इस उड़ान पुल को आवागमन करने के लिए बंद किया जाए। बावजूद सार्वजनिक लोक निर्माण विभाग द्वारा इस उड़ान पुल को बंद नहीं किया गया। बुधवार 4 मई को भी इस उड़ान पुल से जानलेवा सफर जारी था। सरकारी विभाग ही सरकारी आदेशों का किस तरह से उल्लंघन करता है यह प्रत्यक्ष उदाहरण उपरोक्त उड़ान पुल को बंद करने के आदेश से देखा जा सकता है।
रात से बंद किया जाएगा उड़ान पुल
उड़ान पुल बंद करने के आदेश के अनुसार बुधवार 4 मई की रात से पुराने उड़ान पुल से आवागमन बंद किया जाएगा। बंद करने के बाद जिस कंपनी को पुल निर्माण का काम दिया गया है। उस कंपनी के माध्यम से उड़ान पुल को तोड़ने का काम शुरू किया जाएगा। लगभग 132 करोड़ रूपए की निधी को मंजूरी मिल चुकी है। इस निधी से 1300 मीटर का उड़ान पुल निर्माण किया जाएगा।
सुनील बडगे, उपविभागीय अभियंता, पीडब्ल्यूडी, गोंदिया