बुलंद गोंदिया। गोंदिया तहसील के अंतर्गत आने वाले ग्राम सहेसपुर निवासी दलित किसान अनिल किशन चौरे के मकान को महिंद्रा फाइनेंस कंपनी द्वारा कर्ज वसूली के नाम पर सील करवाया है। जबकि जो संपत्ति सील की गई उस पर कर्ज नहीं है जिससे किसान को इस भीषण गर्मी में खुले आसमान के नीचे अपने परिवार के साथ रहना पड़ रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम सहेसपुर निवासी दलित किसान अनिल किशन चौरे के पिता किशन चौरे द्वारा वर्ष 2015 में अपने संपत्ति क्रमांक 69 पर महिंद्रा होम फाइनेंस कंपनी से100000 का कर्ज लिया था। जिसके पश्चात वर्ष 2016 में किशनलाल चौरे का निधन हो गया था जिसकी जानकारी महिंद्रा होम फाइनेंस कंपनी को दी गई थी तथा कर्ज वापसी मैं 30 नवंबर 2015 को 17240 तथा उसके पश्चात 21 जुलाई 2016 को 20500 इस प्रकार कुल 37740 का कर्ज कंपनी में भरा भी गया था उल्लेखनीय है कि किसान की आजीविका कृषि कार्य पर ही और लंबित है जिसके पश्चात फसल खराब हो जाने से संबंधित किसान द्वारा कर्ज की राशि भर नहीं पाया तथा इस संदर्भ में कंपनी द्वारा भी कर्ज वापसी के लिए किसी भी प्रकार का नोटिस नहीं दिया गया था इसके साथ ही गत ढाई वर्षों से कोविड-19 में वैसे ही किसान की आर्थिक स्थिति डगमगा चुकी है। तथा फसल भी खराब हो चुकी है विशेष यह है कि किशन चौरे द्वारा अपने संपत्ति क्रमांक 69 पर होम फाइनेंस लोन लिया गया था जिसका शासकीय रिकॉर्ड में कर्ज दर्द भी है, किंतु कंपनी द्वारा पीड़ित किसान अनिल चौबे के संपत्ति क्रमांक 70 जो वर्ष 2004 में अनिल चौराहे को आवास योजना के अंतर्गत मंजूर हुआ था विशेष या है कि जो संपत्ति महिंद्रा फाइनेंस के निवेदन पर शासन द्वारा सील की गई है उस पर कर्ज का किसी भी प्रकार का लेना देना नहीं है उसके बावजूद तहसील दंडाधिकारी गोंदिया द्वारा दिए गए आदेश से पीड़ित किसान का वर्तमान में निवास करने वाले मकान को सील किया गया।
इस कार्यवाही के दौरान पीड़ित किसान को इतना समय भी नहीं दिया गया कि वह घर से भोजन की सामग्री कच्चा अनाज निकाल सके जिससे परिवार पर भुखमरी का संकट भी निर्माण हो गया है तथा गत 35 दिनों से खुले आसमान के नीचे भीषण गर्मी में परिवार को रहना पड़ रहा है।
उल्लेखनीय है कि को भी संक्रमण खत्म होते ही जिले की निजी फाइनेंस कंपनी द्वारा कर्ज की वसूली गुंडागर्दी वह कानून का सहारा लेकर अनाप-शनाप तरीके से की जा रही है जिससे अनेक गरीब परिवारों पर भारी संकट निर्माण हो गया है। इस कार्रवाई पर प्रशासन की भूमिका पर भी प्रश्न चिन्ह निर्माण हो रहा है कि जिस संपत्ति पर कर्ज चढ़ा है उसे सिलना कर अन्य दूसरी संपत्ति पर कार्रवाई की गई है।