नक्षलग्रस्त दुर्गम क्षेत्र मुरकुडोह में मतदाताओं ने किया मतदान का बहिष्कार ग्राम में नहीं बनाया गया मतदान केंद्र

बुलंद गोंदिया( रवि सोनवाने दर्रेकसा)। गोंदिया जिले के सालेकसा तहसील के अंतर्गत आने वाले पिपरिया जिला परिषद क्षेत्र के मुरकुडोह में जिला परिषद व पंचायत समिति के चुनाव का मतदाताओं द्वारा मतदान का बहिष्कार किया गया क्योंकि उपरोक्त क्षेत्र में मतदान केंद्र की मांग ग्रामीणों द्वारा की गई थी गौरतलब है कि लोकतंत्र में सभी नागरिकों का मतदान का समान अधिकार है जिसमें कोई भी मतदाता मतदाता से मतदान से वंचित ना रहे, किंतु सालेकसा तहसील के अंतर्गत आने वाले पिपरिया जिला परिषद क्षेत्र के मुरकुडोह में मतदाताओं द्वारा जिला परिषद व पंचायत समिति के चुनाव में मतदान का बहिष्कार किया गया। उल्लेखनीय है कि उपरोक्त ग्राम का मतदान केंद्र विधानसभा चुनाव के दौरान धनेगाव में स्थानांतरित किया गया था। उपरोक्त ग्राम से धनेगांव की दूरी 17 से 18 किलोमीटर होने से मतदाताओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस संदर्भ में परिसर के नागरिकों द्वारा इसके पूर्व धनेगाव का बुथ मुरकुडू में दिया जाए इसका निवेदन तहसीलदार को देकर पत्र व्यवहार भी किया गया था किंतु चुनाव अधिकारी द्वारा इस संदर्भ में उचित निर्णय नहीं लिए जाने के चलते यह स्थिति निर्माण हुई हैं। मतदाताओं को मतदान के अधिकार से वंचित रखना यह संविधान का भी अपमान है। इस प्रकार का आरोप क्षेत्र के मतदाताओं द्वारा प्रशासन पर लगाया गया है।
                                आदिवासी क्षेत्र के मतदाताओं को मतदान से रखा वंचित
पिपरिया जिला परिषद क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले मुरकुडोह ढंडारी के नक्सल प्रभावित दुर्गम क्षेत्र के आदिवासियों ने मतदान का बहिष्कार किया है। तथा प्रशासन की नाकामी के चलते मतदाताओं को मतदान से वंचित रखा गया है उपरोक्त क्षेत्र में पुनः मतदान हो इसके लिए राज्य चुनाव आयोग को पत्र लिखा जाएगा।
– शंकर मडावी सामाजिक कार्यकर्ता दर्रेकसा
                                                     सुरक्षा कारणों से केंद्र का निर्माण नहीं
विधानसभा चुनाव 2019 के दौरान डंडारी मुरकुडोह ग्राम का मतदान केंद्र धनैगांव में बनाया गया है। क्योंकि सुरक्षा कारणों से पुलिस विभाग द्वारा इसकी मंजूरी नहीं दी गई थी जिसके कारण उपरोक्त ग्रामों के नागरिकों को मतदान की सुविधा धनेगाव के केंद्र में प्रदान की गई थी।
-नयना गुंडे जिलाधिकारी गोंदिया।

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