बुलंद गोंदिया। महाराष्ट्र की राष्ट्रवादी कांग्रेस, शिवसेना व कांग्रेस प्रणित महाविकास आघाडी सरकार द्वारा मानसून अधिवेशन मात्र 2 दिनों का आयोजित कर राज्य की सामान्य जनता की समस्याओं को जानबूझकर अनदेखी की है। यह लोकतंत्र के साथ सरकार द्वारा क्रूर मजाक किया गया इसका भारतीय जनता पार्टी द्वारा निषेध कर महाराष्ट्र में लोकतंत्र को बचाओ दिन का पालन कर 5 जुलाई को राष्ट्रपति व राज्यपाल के नाम ज्ञापन जिलाधिकारी को दिया गया। उपरोक्त ज्ञापन जिला अध्यक्ष केशवराव मानकर के मार्गदर्शन में दिया गया जिसमें कहा गया कि 2 दिनों के मात्र अधिवेशन में राज्य के किसी भी महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा इस अधिवेशन में नहीं होंगी तथा विधान मंडल के सदस्यों को संविधान में दिए गए अधिकार प्रश्न पूछने, स्थगन प्रस्ताव देने, लक्ष्वेधी सूचना रखने आदि पर अंकुश लगाया गया है। जनता के प्रश्नों का जवाब देने से सरकार डर रही है इससे यह स्पष्ट हो गया है। सरकार का यह कदम लोकतंत्र के साथ एक क्रूर मजाक है जिसके चलते राष्ट्रपति राज्यपाल इस संदर्भ में अपनी कड़ी भूमिका अपना कर निर्णय लें ऐसी मांग की गई।
निवेदन देते समय पूर्व विधायक रमेश कुथे, किसान मोर्चा जिल्हाध्यक्ष संजय टेंभरे, ग्रामीण मंडळ अध्यक्ष ठाकरे, किसान मोर्चा महामंत्री अशोक हरिणखेडे, ग्रामीण मंडळ महामंत्री मनोज मेंढे, नेत्रदिप गावंडे, बबली ठाकूर, सोमेश्वर तुरकर आदी उपस्थित थे ।