लोकतंत्र की हत्या कर रही महाराष्ट्र की तिकड़ी सरकार जनप्रतिनिधियों की आवाज दबाने विधायकों का किया निलंबन- विधायक विजय रहांगडाले

बुलंद गोंदिया। महाराष्ट्र की शिवसेना राष्ट्रवादी कांग्रेस व कांग्रेस की तिकड़ी सरकार लोकतंत्र की हत्या कर रही है। एक तो अधिवेशन मात्र 2 दिनों का रखा उस पर विरोधी पक्ष के जनप्रतिनिधियों की आवाज दबाने सत्ता का दुरुपयोग कर 12 विधायकोंको निलंबित किया किया गया इस प्रकार का आरोप गोंदिया जिले के एकमात्र भाजपा विधायक विजय रहांगडाले द्वारा राज्य सरकार पर लगाया गया।
गौरतलब है कि राज्य का मानसून अधिवेशन 5 जुलाई को आयोजित किया गया था जिसमें विरोधी पक्ष के विधायकों द्वारा रखे गए प्रश्नों पर ना तो चर्चा की गई ना सरकार उनके आवाज सुनने को तैयार है इस संदर्भ में जब भाजपा विधायक दल विधानसभा अध्यक्ष के पास पहुंचा तो विधायकों पर अभद्रता का आरोप लगाते हुए 1 वर्ष के लिए आशीष शेलार, अभिमन्यु पवार, गिरीश महाजन, पराग अलवनी, राम सातपुते, नारायण कुटे ,अतुल भातखडकर, जयकुमार रावल, हरीश पिपले ,संजय कुटे, कीर्ति कुमार भांगड़िया, योगेश सागर इन 12 विधायकों को निलंबित कर लोकतंत्र की हत्या की है। ओबीसी के मुद्दे पर विपक्ष द्वारा चर्चा किए जाने की मांग की गई लेकिन उसे मंजूर नहीं किया गया।
विशेष है की सभी विधायक अपने अपने क्षेत्र के लाखों लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं उनकी आवाज को दबाने का कार्य किया है। सिर्फ मंत्री द्वारा ही प्रस्ताव रखा गया जिस पर विपक्ष द्वारा चर्चा की विनंती किए जाने पर मान्य नहीं किया गया वर्तमान तिकड़ी सरकार सिर्फ पैसा कमाने वह समय व्यतीत करने का कार्य कर रही है उन्हें आम नागरिकों के हितों की किसी भी प्रकार की चिंता नहीं है विधायकों के के निलंबन के संदर्भ में विधायक विजय रहांगडाले ने कहा कि सभी विधायक राज्यपाल से इसकी शिकायत करने गए हैं फिर भी यदि मांग पूरी नहीं हुई तो पार्टी के दिशा निर्देश अनुसार न्यायालय की शरण ली जाएंगी तथा सत्ताधारी दल द्वारा विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए इस प्रकार का कार्य किया जाना यह लोकतंत्र के लिए काला दिवस साबित हो रहा है राज्य में ओबीसी समाज का राज्य की आरक्षण तिकड़ी सरकार की गलत नीति से रद्द हुआ है जिसका जवाब उन्हें जनता को देना होगा।

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