बाल विकास प्रकल्प अधिकारी अंजलि बावनकर व आंगनवाड़ी पर्यवेक्षिका उषा आगाशे 20 हजार की रिश्वत लेते एसीबी के जाल में

बुलंद गोंदिया। एकात्मिक बाल विकास प्रकल्प कार्यालय तिरोडा में कार्यरत पर्यवेक्षिका व प्रभारी बाल विकास प्रकल्प अधिकारी अंजली गोविंदराव बावनकर व आंगनवाड़ी पर्यवेक्षिका उषा यशवंतराव आगाशे को 20 हजार की रिश्वत लेते हुए 19 जनवरी को तिरोडा रेलवे स्टेशन पर गोंदिया एंटी करप्शन ब्यूरो द्वारा रंगे हाथों धर दबोचा गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार शिकायतकर्ता यह i.g.m. कंप्यूटर एजुकेशन संस्था चलाते हैं। जो जिला परिषद अंतर्गत महिला व बाल कल्याण विभाग के माध्यम से अनुसूचित जाति- जमाती वर्ग की युवतियों को व्यक्तिगत लाभ योजना के अंतर्गत कंप्यूटर प्रशिक्षण दे रहे हैं। जिसमें महाराष्ट्र ज्ञान महामंडल पुणे अंतर्गत 35 लाभार्थियों का प्रशिक्षण शुल्क ऑनलाइन जमा कर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस प्रशिक्षण शुल्क के भुगतान के संदर्भ में आरोपी से फोन पर पूछताछ किए जाने पर 35 लाभार्थियों के प्रशिक्षण शुल्क के भुगतान का पत्र तैयार कर पंचायत समिति तिरोड़ा में भेजे जाने के लिए 600 रु प्रति लाभार्थी के हिसाब से 35 लाभार्थियों का 21 हजार रु रिश्वत की मांग की। इस मामले में फरियादी द्वारा 15 जनवरी को ए.सी.बी गोंदिया में शिकायत दर्ज करवाई, ए.सी.बी द्वारा मामले की जांच कर 18 जनवरी को रिश्वत मांगे जाने की पुष्टि होने पर 19 जनवरी को कार्रवाई की गई। जिसमें आरोपियों द्वारा तिरोड़ा रेलवे स्टेशन पर 20 हजार की रिश्वत लेते हुए पंचों के समक्ष रंगे हाथों धर दबोचा गया। आरोपियों के खिलाफ गोंदिया रेलवे पुलिस थाने में धारा 7 भ्रष्टाचार प्रतिबंधक कानून 1988 सुधारित अधिनियम 2018 के तहत मामला दर्ज किया गया। उपरोक्त कार्रवाई पुलिस अधीक्षक रश्मि नांदेड़कर, अपर पुलिस अधीक्षक राजेश दूदलवार, मिलिंद तोतरे के मार्गदर्शन में पुलिस उप अधीक्षक रमाकांत कोकाटे सहायक फौजदार शिवशंकर तुमड़े, पो. हवा राजेश सेंद्रे, ना.पो.सी नितिन रंहागडाले, राजेंद्र बिसेन, गीता खोबरागडे, वंदना बिसेन द्वारा की गई।

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