बुलंद गोंदिया। प्रेम के प्रतीक सारस पंछी पूरे राज्य में गोंदिया जिले में पाए जाते हैं जिसके संवर्धन के चलते संख्या में बढ़ोतरी हो रही थी लेकिन गत तीन-चार वर्षो में अचानक से संख्या में कमी होती दिखाई दे रही थी, लेकिन गोंदिया वन विभाग के संवर्धन के चलते सारस गणना 2025 में 13 पंछियों की बढ़ोतरी के साथ जिले में 36 सारस पंछी विभिन्न स्थानों पर पाए गए।
सारस पंछी के रूप में गोंदिया जिले की पहचान पर्यटन के क्षेत्र में होने लगी थी जिससे बड़े पैमाने पर पंछी मित्र प्रेम के प्रतीक सारस के दर्शन करने के लिए गोंदिया आते थे, लेकिन गत कुछ वर्षों में अचानक से सारस पंछियों की संख्या में कमी आने लगी थी। जिससे पंछी प्रेमियों में निराशा दिखाई दे रही थी। जिले में एक समय जहां 40 के ऊपर सारस की संख्या पहुंच चुकी थी। वहीं वर्ष 2023 की गणना में 12.पंछी वर्ष 2024 की गणना में 23 पंछी ही पाए गए थे।
जिले में सारस पक्षियों की कम होती संख्या को लेकर गोंदिया के वन परिक्षेत्र अधिकारी दिलीप कौशिक ने इसे गंभीरता से लेकर ग्रामीणों के सहयोग व पंछी मित्रों के साथ संवर्धन का अभियान शुरू कर जन जागृति की जिसका परिणाम आज सामने आने से पंछियों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है।
जिसके चलते 16 जून 2025 को हुई सारस गणना में इस वर्ष 36 सारस पंछी जिले में पाए गए जिससे गत वर्ष 2024 की तुलना में 13 पंछियों की संख्या अधिक है।
पंछी गणना 16 जून की सुबह मुख्य रूप से गोंदिया वन परी क्षेत्र के अंतर्गत करने के साथ ही संपूर्ण जिले में की गई, जिसमें वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी ,वन मजदूर, स्वयंसेवी संस्था ,पक्षी मित्रो की उपस्थिति में की गई।
सारस गणना गोंदिया के उप विभागीय वन अधिकारी के मार्गदर्शन में गोंदिया के वन परी क्षेत्र अधिकारी दिलीप कौशिक के नेतृत्व में की गई इस अवसर पर मानद वन्य जीव रक्षक मुकुंद धुर्वे सावन बाहेकर, हिरवाल संस्था के रूपेश निबार्ते भी उपस्थित थे।