बुलंद गोंदिया। गोंदिया नगर परिषद के मालकियत की हजारों दुकानें शहर में स्थित है।जिसे नगर परिषद द्वारा किराए से दिया गया है जिसके रिपेयरिंग के लिए शासन से नियमानुसार मंजूरी लेना होता है लेकिन शहर में बड़े पैमानों पर इन दुकानों का बिना मंजूरी के नवनिर्माण कर नगर परिषद के किराए वह राजस्व को लाखों रुपए का चूना लगाया जा रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार इसी प्रकार का एक मामला दो दिन पूर्व सामने आया है जिसमें शहर के कपड़ा लाइन स्थित दुकान नंबर 11 व 12 बजाज फैंसी क्लास द्वारा नगर परिषद से किसी भी प्रकार की रिपेयरिंग या नवनिर्माण की मंजूरी न लेकर नव निर्माण का कार्य शुरू किया गया है।
जिससे नगर परिषद प्रशासन की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लगता हुआ दिखाई दे रहा है कि शहर में खुलेआम नगर परिषद मार्केट की दुकानों को तोड़कर नए सिरे से नवनिर्माण किया जा रहा है लेकिन शासन के नियमानुसार किसी भी प्रकार की मंजूरी लेना संबंधित किराएदार द्वारा जरूरी नहीं समझ गया है।

रिपेयरिंग की मंजूरी नवनिर्माण कि नहीं
गोंदिया नगर परिषद की करीब 1100 से अधिक दुकानें हैं जिसे किराए पर चलाए जा रहा है ,नगर परिषद के करारनामा के अनुसार अति आवश्यक होने पर मामूली सुधार की मंजूरी नगर परिषद प्रशासन द्वारा दी जाती है जिसकी नियमानुसार मंजूरी लेना होता है, किंतु नवनिर्माण की मंजूरी नहीं दी जाती लेकिन रिपेयरिंग की मंजूरी भी ना लेकर बड़े पैमाने पर बाजार परिसर स्थित दुकानों का नवनिर्माण कर शासन के राजस्व को वह किराए को चूना लगाया जा रहा।
किराए में पांच गुना बढ़ोतरी
नगर परिषद मार्केट की दुकानों को रिपेयरिंग करने के पश्चात नगर परिषद के करारनामे के अनुसार किराए में 5 गुना बढ़ोतरी की जाती है लेकिन संबंधित किराएदार द्वारा नगर परिषद से मंजूरी न लेकर नई दुकानों का निर्माण किया जा रहा है जिससे नगर परिषद को प्रतिवर्ष लाखों रुपए के किराए वह राजस्व का नुकसान हो रहा है।
मंजरी प्रथमतल लेकिन निर्माण दो मंजिल
नगर परिषद के मार्केट की दुकानों में सिर्फ प्रथम मंजिला की ही मंजूरी है लेकिन नए सिरे से निर्माण कर दो मंजिला का निर्माण किया जा रहा है जिससे शासन के नियम अनुसार डबल पांच गुना नीचे का वह 5 गुना ऊपर का किराया किराएदार को देना चाहिए लेकिन अधिकारियों व कर्मचारियों की आपसी साथ घाट से किराया न देकर शहर के विकास निधि को प्राप्त होने वाली निधि राशि को चूना लगाया जा रहा है जिससे प्रतिवर्ष नगर परिषद को करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है और वह शहर के विकास के लिए निधि भी उपलब्ध नहीं हो रही।
राजनीतिक संरक्षण
गोंदिया नगर परिषद के मार्केट की दुकानों केरिपेयरिंगव निर्माण के दौरान बड़े पैमाने पर राजनीतिक संरक्षण प्राप्त होने के चलते अधिकारी व कर्मचारियों द्वारा कार्रवाई नहीं की जाती तथा राजनीतिक संरक्षण का फायदा उठाते हुए वह भी अपनी जेब गर्म कर रहे हैं तथा अघोषित रूप से उन्हें मंजूरी दे रहे हैं।
निर्माण कार्य पर रोक लगाई
कपड़ा लाइन स्थित दुकान का बिना मंजूरी के निर्माण कार्य की शिकायत प्राप्त होने पर नोटिस भेज कर निर्माण कार्य पर रोक लगाई गई है।
– श्रीकांत कांबले प्रभारी प्रशासक व मुख्याधिकारी नगर परिषद गोंदिया।
दुकान हजारों किराया नाम मात्र
गोंदिया नगर परिषद मार्केट की करीब 1100 से अधिक दुकानें हैं लेकिन वार्षिक किराया मात्र 50 से 55 लख रुपए है जिसे भी किराएदारो द्वारा समय पर जमा नहीं कराया जाता ,जबकि हर 10 वर्ष में 10% किराया वृद्धि का नियम है लेकिन उसका भी पालन नहीं किया जा रहा है जिसके चलते जो किराया करोड़ों रुपए में प्राप्त होना था उसे पर ग्रहण लग चुका है।
सैकड़ो दुकानों का नवनिर्माण मंजूरी नाम मात्र की
बाजार परिसर स्थित सैकड़ो दुकानों का नव निर्माण कर दो मंजिला तक किया गया है जिसका किराया बढ़ोतरी नहीं हुई है साथ ही कुछ दुकान किरायेदारों द्वारा ही रिपेयरिंग के नाम पर मंजूरी लेकर नवनिर्माण किया गया है जिनकी भी संख्या नाम मात्र ही है ।
नगर परिषद बाजार विभाग की कार्यप्रणाली संदेहास्पद
गोंदिया नगर परिषद मालकिन की दुकानों पर नियंत्रण किराया वसूली वह शहर में दुकानों के नव निर्माण हुआ रिपेयरिंग से संबंधित संपूर्ण जानकारी नगर परिषद बाजार विभाग को होनी चाहिए उसके बावजूद भी नगर परिषद का बाजार विभाग द्वारा इस और आंखें बंद कर बैठा हुआ है। जिसे बाजार विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह प्रश्न चिन्ह लग रहा है।






