आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन जिला परिषद बांधकाम विभाग में बेक बैक डेट में वर्क आर्डर जारी

बुलंद गोंदिया। गोंदिया जिला परिषद हमेशा ही अपनी विवादित कार्य प्रणाली के चलते चर्चा में बनी रहती है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की घोषणा होते ही राज्य में आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हो गई है जिसमें किसी भी प्रकार के नए शासकीय कार्य जारी नहीं किये जा सकते लेकिन गोंदिया जिला परिषद बांधकाम विभाग में बैक डेट में बड़े पैमाने पर वर्क आर्डर जारी किए गए।

गौरतलब है की लोकतंत्र का महा पर्व चुनाव को निष्पक्ष पारदर्शित तरीके से संपन्न करने के लिए चुनाव आयोग की गाइडलाइन के अनुसार आदर्श आचार संहिता लागू की जाती है जो चुनाव की तारीखों की घोषणा होते ही लागू हो जाती है।
जिसमें चुनाव प्रभावित हो ऐसे किसी भी प्रकार के नए शासकीय कार्य नहीं किया जा सकते जिससे चुनाव की निष्पक्षता पर असर पड़े तथा किसी भी राजनीतिक दल या उम्मीदवार को इसका लाभ या हानि हो लेकिन गोंदिया जिला परिषद के बांधकाम विभाग में आचार संहिता का उल्लंघन होता हुआ साफ दिखाई दे रहा है।


महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की आचार संहिता मंगलवार 15 अक्टूबर को मुख्य चुनाव आयुक्त द्वारा चुनावी तारीखों का ऐलान करने के साथ ही आचार संहिता लागू हो गई है लेकिन 16 अक्टूबर बुधवार की शाम कार्यालींन समय खत्म होने के बाद गोंदिया जिला परिषद बांधकाम विभाग की ऊपरी मंजिल पर एक बंद कमरे में बैठकर बड़े पैमाने पर बैक डेट में विभिन्न कार्यों के वर्क आर्डर जारी करने का कार्य किया जा रहा था. बुलंद गोंदिया के प्रतिनिधि द्वारा जब इस संदर्भ में संबंधित कर्मचारियों व सहायक लेखाधिकारी से जानकारी प्राप्त करनी चाहिए तो यह कार्य क्या किया जा रहा है तो वह इसका किसी भी प्रकार का समाधान कारक जवाब नहीं दे पाए जिससे जिला परिषद की कार्य प्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लगता दिखाई दे रहा है।
साथ ही आदर्श आचार संहिता का जिला परिषद द्वारा उल्लंघन किया जा रहा है।

कार्यकारी अभियंता ने नहीं दिया जवाब
जिला परिषद बांधकाम विभाग के कार्यकारी अभियंता अतुल मेश्राम से दूरभाष पर जब इस संदर्भ में जानकारी प्राप्त की गई तो पहले उन्होंने यह नकार दिया कि यह इस प्रकार का कार्य हो रहा है लेकिन इस संदर्भ में किसी भी प्रकार का समाधान कारक जवाब नहीं दिया जिससे उन पर भी आचार संहिता उल्लंघन आचार संहिता उल्लंघन किए जाने की बात सामने आ रही है।

चुनावी प्रक्रिया पर इसका विपरीत परिणाम
आचार संहिता में जारी किए गए वर्क ऑर्डरों का कार्य शुरू होने से चुनावी प्रक्रिया पर इसका विपरीत परिणाम हो सकता है क्योंकि आचार संहिता लागू होने के बाद वर्क आर्डर मिलने पर काम शुरू होने पर संबंधित निर्माण कार्य सड़क नाली आदि का निर्माण कार्य करने से संबंधित उम्मीदवार इसका लाभ अपने प्रचार में अप्रत्यक्ष रूप से कर उठा सकता है।

मामले की जांच होगी या आपसी साठगाठ से दबाया जाएगा मामला

आचार संहिता आदर्श आचार संहिता शुरू होने के पश्चात जिला परिषद में बड़े पैमाने पर बैक डेट पर वर्क बनाकर जारी करने का कार्य किया गया जिससे संभावना जताई जा रही है कि अधिकारी, नेता व कर्मचारी तथा ठेकेदारों द्वारा आपसी साठगाठ कर मामले को दबा दिया जाएगा या निष्पक्ष जांच होगी इस पर भी सवालिया निशान लग रहे हैं।

कार्यालीन समय में कार्य क्यों नही
कार्यालीन समय में कार्य नहीं होता जिला परिषद में एक और जहां कार्यालीन समय में कार्य नहीं होता लेकिन आचार संहिता लगते ही बड़े पैमाने पर वर्क आर्डर वह एग्रीमेंट बनाने का कार्य कार्यालय समय ख़त्म हो जाने के बावजूद भी एक अलग सुनसान कक्ष में किया जा रहा था।
जिससे इस पर भी प्रश्न चिन्ह निर्माण हो रहा है।

मामले की जांच कर की जाएगी कार्रवाई
जिला परिषद बाधकाम विभाग में यदि आचार संहिता लागू होने के बाद वर्क आर्डर जारी किए गए तो उसे मामले की जांच कर संबंधित दोषियों पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
एम.मुरुगनाथम मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला परिषद गोंदिया

आचार संहिता के दौरान जारी किए गए वर्क आर्डर को क्या रोकेंगा प्रशासन होगी कार्रवाई

राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू होते ही गोंदिया जिला परिषद जो भ्रष्टाचार का गढ़ बन चुका है जिसमें बड़े पैमाने पर कार्यों के वर्क आर्डर बैक डेट में जारी किए गए हैं। जिसमें सब की मिलीभगत है लेकिन अब मामला सामने आने पर अब क्या प्रशासन द्वारा निष्पक्ष जांच कर चुनाव आयोग के दिशा निर्देशानुसार संबंधित दोषियों पर कार्रवाई करेगा या मामले को दबा देगा इस पर भी प्रश्न चिन्ह लगता दिखाई दे रहा है।
या जारी किए गए वर्क आर्डरो के कार्यों को जिला परिषद प्रशासन द्वारा चुनाव के दौरान शुरू होने से रोका जाएगा।

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