बोगस आदिवासियों के खिलाफ मे , असली आदिवासी मैदान मे सरकार के विरोध में आदिवासियों का आक्रोश मोर्चा में हजारो शामिल

बुलंद गोंदिया। धनगर समाज को अनुसूचित जनजाति में शामिल न करें इस मुख्य मांग को लेकर आदिवासी संगठनो ने गोंदिया में 30 सितंबर को विशाल आक्रोश मोर्चा निकालकर सरकार की नीतियों का विरोध करते हुए राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। मोर्चे में लगभग 10 हजार आदिवासी समुदाय के महिला, पुरुष युवक शामिल हुए थे। मोर्चे का नेतृत्व आदिवासी अधिकार कृति समिति गोंदिया की ओर से किया गया । मांगो का ज्ञापन मा. राज्यपाल मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री,आयुक्त आदिवासी संशोधन वह प्रशिक्षण संस्था पुणे को जिलाधिकारी के माध्यम से दिया गया।

आदिवासी अधिकार कृति समिति द्वारा जानकारी दी गई कि, महाराष्ट्र में धनगर समुदाय को घुमंतू समुदाय के रूप में वर्गीकृत किया गया है ।और इस समुदाय को किसी भी मानदंड के अनुसार आदिवासी के रूप में वर्गीकृत नहीं किया जा सकता । इसलिए सरकार से आदिवासी समुदाय द्वारा अनुरोध किया गया है कि धनगर समाज के दबाव में आकर उन्हें आदिवासी आरक्षण देकर मूल आदिवासियों के साथ अन्याय न करें।

धनगर समाज राजनीतिक दबाव समूह बनाकर आदिवासियों से आरक्षण मांगने की लगातार कोशिश करता रहा है। लेकिन हर बार राज्य सरकार और केंद्र सरकार ने उनकी मांग को खारिज कर दिया है। इसका एकमात्र कारण यह है कि धनगर समुदाय लोकुर समिति द्वारा निर्धारित आदिवासी मानदंडों को पूरा नहीं कर सका। 1979 में महाराष्ट्र सरकार ने धनगरों का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा। लेकिन केंद्र सरकार ने 1981 में प्रस्ताव वापस भेज दिया और स्पष्ट कहा कि धनगर आदिवासी नहीं हैं।

1995 में जब महाराष्ट्र में शिव सेना की सरकार थी तो धनगरों की इसी मांग को लेकर सुधीर जोशी समिति का गठन किया गया था। इस कमेटी में धनगर नेता श्रीपाद डांगे के अलावा समिति में मानवविज्ञानी और सामाजिक वैज्ञानिक भी थे। जिसपर इस समिति ने रिपोर्ट प्रस्तुत की है कि धनगर आदिवासियों के सामाजिक, सांस्कृतिक और धार्मिक मानदंडों को पूरा नहीं कर सकते। इसलिए धनगरों को आदिवासियों में शामिल नहीं किया जा सकता।

इसके बावजूद भी सरकार धनगर समाज को आदिवासी में शामिल करने के लिए नीति अपना रही है। यदि सरकार धनगर के पक्ष में निर्णय लेती है तो आदिवासी समुदाय संपूर्ण महाराष्ट्र में सड़क पर उतरकर तीव्र आंदोलन करेगी । इस तरह की चेतावनी भी निवेदन के माध्यम से दी गई है।

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