बुलंद गोंदिया। गोंदिया शहर की सीमा पर स्थित फुलचुर नाले में मंगलवार 10 सितंबर की सुबह 7 से 7.30 बजे के दौरान एक मकान भर भरा कर नाले में गिर गया जिसमें परिवार के जवान बेटे की मौत हो गई वह उसकी मां का पता शाम तक पता नहीं लग पाया तथा पिता मामूली रूप से जख्मी हुए।
गौरतलब है की 9 सितंबर से ही जिले में तेज मूसलाधार बारिश शुरू हुई है जिसमें संपूर्ण जिले में बाढ़ की स्थिति निर्माण हो गई है वह विभिन्न स्थानों परपानी भर गया है।
गोंदिया शहर की सीमा पर स्थित फुलचुर नाले में भी बाढ़ की स्थिति निर्माण हो गई जिसके चलते मंगलवार10 सितंबर की सुबह फूलचुर नाके पर स्थित रामेश्वरम कॉलोनी जिससे लगकर नाला बहता है वहीं किनारे पर स्थित मकान में रहने वाले अनिल अग्रवाल के परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा
प्राप्त जानकारी के अनुसार अनिल अग्रवाल सुबह 7:00 बजे के दौरान घर से बाहर थे तथा इसी दौरान उनका घर अचानक भर भराकर फूलचूर नाले मेंसमा गया। जिसमें उनकी पत्नी किरण अग्रवाल उम्र 50 वर्ष लापता हो गई जिसका देर शाम तक पता नहीं चला जिसकी तलाश जिला आपदा प्रबंधन गोंदिया व अग्नि शमन दल द्वारा निरंतर की जारी है वही युवा पुत्र दीपिन अग्रवाल उम्र 30 वर्ष की मौत हो गई वह सुबह ही उसका शव मकान मलबे से निकला गया।
इस हादसे में अनिल अग्रवाल के घर की संपूर्ण जीवन आवश्यक वस्तुएं पानी में बह गई इस घटना की जानकारी सुबह के समय निकले कुछ लोगों द्वारा वह समीप के बजाज परिवार द्वारा अग्निशमन विभाग को दी।
व घटना की जानकारी प्राप्त होते ही शहर पुलिस थाने के निरीक्षक किशोर पर्वते अपने दल बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे।
तेज बारिश के बावजूद बड़ी संख्या में नागरिक घटनास्थल पर इस हृदय निर्धारक घटना को सुनकर पहुंच रहे थे जिसके चलते नाके पर काफी देर तक यातायात भी बाधित रहा किंतु पुलिस विभाग वह यातायात शाखा द्वारा यातायात को नियंत्रित किया गया।
दर्दनाक हादसे के लिए जिम्मेदार कौन ॽ
फुलचुर नाके के समीप बहने वाले नाले के किनारे पर अनेकों मकान बने हुए हैं जिसमें व्यावसायिक प्रतिष्ठानो का भी समावेश है।
शासन के नियम अनुसार नदी वह नाले से कुछ अंतर की दूरी पर ही निर्माण कार्य किया जा सकता है जिसमें नालों से करीब 50 मीटर 200 फीट की दूरी पर ही निर्माणकार्य किया जाना चाहिए, लेकिन रामेश्वरम कॉलोनी में अनेक मकान नाले से लगकर निर्माण किए गए हैं ,
साथ ही मुख्य मार्ग पर एक होटल भी का भी निर्माण हुआ है जिसकी मंजूरी प्रशासन द्वारा किस प्रकार दी गई इस पर प्रश्न चिन्ह निर्माण होने वाली बात सामने आ रही है।
नगर परिषद द्वारा निर्माण के नक्शे किस प्रकार मंजूर किए गए आकर्षक भूमि किस प्रकार की गई या बिना मंजूरी के निर्माण किया गया इसकी संपूर्ण जांच होनी चाहिए।
साथ ही इस प्रकार के अवैध रूप से मंजूरी देने के काफी मामले सामने आ सकते हैं जिस पर जिलाधिकारी द्वारा तत्काल संज्ञान लेकर जांच कर संबंधि दोषियों पर कार्रवाई की जानी चाहिए।