2 वर्षीय मासूम का योन शोषणआरोपी अजय धामेचा को 5 वर्ष का सश्रम कारावास

बुलंद गोंदिया। विशेष सत्र न्यायालय, गोंदिया द्वारा 31अगस्त गुरुवार को आरोपी अजय रामचंद धामेचा 40 वर्ष निवासी तिरोड़ा को बाल यौन अपराध निवारण अधिनियम (POCSO अधिनियम) 2012 के मामले में 05 वर्ष का कठोर कारावास की सजा सुनाई ।
आरोपी को 5 वर्ष के कठोर कारावास और 2,000/- रूपये जुर्माने की सजा सुनाई गई।
इस संदर्भ में जानकारी दी गई कि,उक्त मामला य 07 जुलाई/2016 को समय 07.00 से 08.00 बजे के बीच वादी के नाबालिग पुत्र उम्र 2 वर्ष को अभियुक्त चॉकलेट खिलाने चार पहिया वाहन में घुमाने के लिये ले गया। व उसका यौन उत्पीड़न करने की नियत से उसके गुप्तांगों को पकड़कर उसके शरीर पर जगह-जगह चोट पहुंचाई और मामले की जानकारी पीड़िता की मां को हुई तो उक्त मामले की वादी ने 08जुलाई को आरोपी के विरुद्ध मामला दर्ज कराया। तिरोड़ा में आरोपी के खिलाफ शिकायत के आधार पर भादवि की धारा 324, 323 और बाल यौन शोषण निवारण अधिनियम (POCSO अधिनियम) 2012 की धारा 4, 6, 8 के तहत मामला दर्ज किया गया था। उक्त वादी की शिकायत पर तत्कालीन जांच अधिकारी तिरोड़ा के सहायक पुलिस अधीक्षक स्वप्निल उनवाने ने मामले की विस्तृत जांच की और आरोपियों के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र पेश किया।

उक्त मामले में अभियुक्तों के विरूद्ध अपराध सिद्ध करने हेतु सरकार/पीड़ित पक्ष की ओर से विशेष सरकारी अधिवक्ता कृष्णा डी पारधी , पी एस अगाशे व निजी वकील निना दुबे ने कुल 8 गवाहों की गवाही और मेडिकल व अन्य दस्तावेज कोर्ट के सामने पेश किये।
उल्लेखनीय है कि 2 वर्षीय मासूम को न्याय मिले वह आरोपी को सजा हो इसके लिए पीड़ित के परिजनों द्वारा सरकारी वकील के साथ-साथ निजी वकील नीना दुबे को भी उपरोक्त मामले में पीड़ित की ओर से नियुक्त किया था।
उपरोक्त प्रकरण में मेडिकल जांच करने वाले डॉक्टर का निधन हो गया था इसके पश्चात निजी वकील नीना दुबे द्वारा चिकित्सा के सहायक डॉक्टर को बुलवाकर गवाह के रूप में न्यायालय के समक्ष पेश किया था।
अभियुक्त के वकील एवं सरकारी वकील की विस्तृत बहस के बाद एन.डी.खोसे, जिला एवं विशेष सत्र न्यायाधीश क्रमांक 2, गोंदिया जिला गोंदिया ने आरोपी के विरूद्ध शासकीय पक्ष के साक्ष्य को स्वीकार किया और आरोपी अजय रामचंद धामेचा, उम्र 40 वर्ष, निवासी. तिरोड़ा, जिला. गोंदिया को 1) बाल यौन अपराध निवारण अधिनियम (POCSO अधिनियम) 2012 की धारा 10 के तहत 5 साल का कठोर कारावास और 2,000/- रुपये का जुर्माना और जुर्माना नहीं देने पर 6 महीने का अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई उक्त प्रकरण में पुलिस अधीक्षक श्री निखिल पिंगले के मार्गदर्शन में पो. हवा मोहन भोयर ने न्यायालयीन कार्य में सहयोग किया ।

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