बुलंद गोंदिया। चंद्रपुर से लाई गई बाघिन नागझिरा संरक्षित वन क्षेत्र में छोड़ी गई थी जो मार्ग भटक कर 6 जून की सुबह रावणवाड़ी -चंगेरा क्षेत्र में दिखाई दी थी, किंतु 6 से 7 जून की मध्य रात्रि बाघिन वन विभाग के कवरेज क्षेत्र से बाहर हो गई जिसे तलाशने के लिए वन विभाग जुटा हुआ है।
गौरतलब है कि गोंदिया तहसील के रावणवाड़ी चंगेरा शेरखाटोला में 6 जुलाई की सुबह बाघिन के होने की जानकारी परिसर के नागरिकों द्वारा वन्यजीव विभाग व वन विभाग को दी थी। जिसके पश्चात वन विभाग उपरोक्त क्षेत्र में तैनात हो गया था विशेष यह की उपरोक्त बाघिन के गले में जीपीएस का पट्टा लगाया गया है जिसकी निगरानी सेटेलाइट से की जा रही है. किंतु इसके बावजूद 6 से 7 जुलाई की रात वन विभाग की निगरानी को चकमा देकर बाघिन किस दिशा की ओर चली गई है इसकी जानकारी वन विभाग के पास नहीं है।
इस संदर्भ में वन विभाग से संबंधित सूत्रों ने जानकारी दी कि आखरी लोकेशन रात 3:00 बजे के करीब कामठा – परसवाड़ा क्षेत्र में था किंतु शुक्रवार की देर शाम तक लोकेशन दिखाई नहीं दे रहा था तथा व वन विभाग की कवरेज से बाहर हो गई।
उल्लेखनीय के उपरोक्त क्षेत्र में घना जंगल ना होने से मात्र खेती ही है व मानसून के शुरू होने से कृषि कार्य शुरू हो गया जिससे किसान खेतों में कृषि कार्य में जुटे हुए हैं।
उपरोक्त क्षेत्र में बाघिन के विचरण करने से किसानों में भय का वातावरण निर्माण होने के साथ ही कभी भी मानव वन्यजीव संघर्ष होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता जिससे विभाग की लापरवाही साफ उजागर होती है।
इस पर वन विभाग के सभी वरिष्ठ अधिकारी द्वारा उपरोक्त घटना पर निरंतर नजर बनाए रखे हुए रखते हुए बाघिन की लोकेशन की तलाश कर रहे हैं।
बाघिन निगरानी में है नागरिक सावधानी बरतें
रावणवाड़ी परिसर में दिखाई देने वाली बाघिन के गले में जीपीएस लगा हुआ है तथा उस पर सेटेलाइट से निरंतर नजर रखी जा रही है साथ ही नागरिक को से आवाहन किया जाता है कि इस दौरान वे सावधानी बरते तथा अकेले ना निकले, रात के समय बाहर ना निकले खेतों में कार्य के दौरान सजग रहे।
– आर.आर सदगिर उप वन संरक्षक वन्यजीव विभाग गोंदिया।