जिले को गिला अकाल ग्रस्त तत्काल करे घोषित शासकीय धान खरीदी केंद्र करें शुरू – राजेंद्र जैन

बुलंद गोंदिया। राष्ट्रवादी कांग्रेस द्वारा गोंदिया तहसील के विभिन्न स्थानों पर किसान जन जागृति संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया था इस अवसर पर पूर्व विधायक राजेंद्र जैन ने अपने संबोधन में मांग की की लौटते मानसून के दौरान हुई बारिश के चलते जिले के किसानों की फसलें बर्बाद हो चुकी है। जिसके चलते राज्य सरकार द्वारा गोंदिया जिले को तत्काल जिला अकाल ग्रस्त घोषित करें साथ ही शासकीय धान खरीदी केंद्र जल्द से जल्द शुरू करने की मांग की।
किसान जनजागृति संवाद ग्राम जब्बार टोला में ओमप्रकाश कटरे, ग्राम नीलज में बबलू तुरकर वह उमरी में अनिल तुरकर के निवास स्थान पर पूर्व विधायक राजेंद्र जैन, कुंदन कटारे, केतन तुरकर, नीरज उपवंसी, अखिलेश सेठ व राष्ट्रवादी के पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं की प्रमुख उपस्थिति में संपन्न हुई।

इस अवसर पर जैन ने अपने संबोधन में कहा कि लौटते मानसून के दौरान हुई बारिश के चलते धान उत्पादक किसानों पर भारी संकट निर्माण हो गया है। इस दौरान हुई बारिश के चलते धान की फसल में मावा, तुरतुडा, करपा जैसे रोग होने के साथ ही फसल को नुकसान पहुंचा है। इसके साथ ही जल्द आने वाली फसल जिस की कटाई किसानों द्वारा की जा चुकी है जो बारिश के चलते खराब हो चुकी है। इन समस्या को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा जिले को तत्काल गिला अकाल ग्रस्त घोषित किया जाए, तथा अब तक बाढ़ पीड़ितों व बाढ़ पीड़ित किसानों के खाते में सरकार द्वारा सहायता निधि जमा नहीं की गई है वह तत्काल जमा की जाए। शासकीय धान खरीदी केंद्र शुरू करने की मांग की साथ ही सामान्य जनता को आवास योजना अनुदान भी नहीं मिला है। तथा वर्तमान सरकार द्वारा 100 में सामान्य जनता को दिवाली मीठी करने का घोषणा की है। किंतु अब तक उपरोक्त सामग्री जनता तक नहीं पहुंची है। नैसर्गिक आपदा व संकट के चलते जिले के सर्व सामान्य जनता व किसान खेत मजदूर की स्थिति दयनीय अवस्था में पहुंच चुकी है ऐसी विकट परिस्थिति में उनके साथ राष्ट्रवादी कांग्रेस खड़ी है तथा उपरोक्त सरकार द्वारा उनकी इन मांगों को पूरा न किए जाने पर सांसद प्रफुल्ल पटेल के नेतृत्व में उपरोक्त लड़ाई को और तेज किए जाने का चेतावनी दी।
इस अवसर पर राजेंद्र जैन, कुंदन कटारे, अखिलेश सेठ, केतन तूरकर, नीरज उपवंशी, चंदन गजभिये, राजेश नागपुरे, राजकुमार लिहारे, सुनील पटले, नेमीचंद ढेकवार, रवींद्र बिसेन, मनोज नंदेश्वर, गणेश शहारे, किसनलाल हरीणखेडे, प्रकाश सहारे, सेवकराम पांडे सेवक चिखलोंडे, तिलक चिखलोंडे, धर्मराज चिखलोंडे, सुनील वैद्य, ओम प्रकाश कटरे, सेवक चिखलोंडे, कुवरलाल चिखलोंडे, सोमेश्वर तुरकर, कीलीपचंद राणा, बालचंद हरीणखेडे, चिंतामण परिहार, यशवंत येळे, देवेंद्र मोटघरे, चंद्रहास वासनिक, महेश रहांगडाले, भरतलाल तुरकर, छगन हरीणखेडे, देवीलाल बीसेन, शिवकुमार रहांगडाले, दिनेश हरिणखेडे, रामेश्वर, छगन लाल, कैलास खोब्रागडे, माणिक मसे, रवींद्र पागोटे, चुनीलाल मसे, काकीलाल गौतम, विजय पंधरे, नितीन पागोटे, अनिल तुरकर, मोहित तुरकर, केशवराव पागोटे, यशवंत तुरकर, सौ, रिता तुरकर, विजय मसे, योगेंद्र तुरकर, शोभेलाल पटले, सौ गीताताई तुरकर, श्रीमती उर्मिला तुरकर, सौ, दिनेश्वरी तुरकर, दीनदयाल मसे, अशोकलाल पटले, टेकचंद मसे, अशोक किरसान रौनक ठाकूर सहित बड़ी संख्या में पदाधिकारी व कार्यकर्ता उपस्थित थे।

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