धान घोटाले का गढ़ बना गोंदिया जिला सालेकसा तहसील में फिर सामने आया धान व बारदाना सहित एक करोड़ 75 लाख रुपए के गबन का मामला, 14 संचालकों पर मामला दर्ज आदिवासी विकास महामंडल की कार्रवाई

बुलंद गोंदिया। 14 अक्तूबर को जिला मार्केटिंग अधिकारी द्वारा सालेकसा तहसील के समृद्ध किसान खरीदी बिक्री सेवा सहकारी संस्था क्र. 1070 के साकरीटोला एवं रोंढा के दो गोदामों में जांच कर समर्थन मूल्य पर खरीदा गया करीब डेढ़ करोड़ रुपये मूल्य का 8 हजार क्विंटल धान नदारद पाया था। जिसके बाद सालेकसा पुलिस थाने शासन से धोखाधड़ी करने की जांच में पुष्टि होने पर संस्था अध्यक्ष, व्यवस्थापक, ग्रेडर व 14 संचालको पर मामला दर्ज किया गया था। अब आज 15 अक्टूबर को सालेकसा तहसील का फिर एक करोड़ों का धान घोटाला उजागर हुआ है।
इस बार आदिवासी विकास महामंडल द्वारा कार्रवाई की गई। जांच करवाई के दौरान सालेकसा तहसील की आदिवासी विविध कार्यकारी सेवा सहकारी संस्था रजिस्ट्रेशन नंबर 1045 गोरहे के गोदाम में खरीफ व रबी सीजन के कुल धान खरीदी 45 हजार 595.80 हुई थी।
जिसमें से संस्था ने 36 हजार 832.33 क्विंटल धान की सप्लाई की। गोदाम में शेष धान 8 हजार 763.47 क्विंटल होना चाहिए था किन्तु जांच में मात्र 150 क्विंटल ही धान पाया गया
। जबकि 8 हजार 613.47 क्विंटल धान (किंमत 1 करोड़ 67 लाख 10 हजार 131 रुपये) गायब मिला। इसके साथ ही पुराना व नया बारदाना करीब 25 हजार 634 (किंमत 10 लाख 27 हजार 807 रु.) नदारद पाया गया। ऐसा कुल जांच में 1 करोड़ 77 लाख 37 हजार 938.80 रुपयों के माल की शासन से धोखाधड़ी कर अफरातफरी करने का मामला सामने आया।
इस धान घोटाले से पूरे जिले में सनसनी फैल गई है। आदिवासी विकास महामंडल के लेखा व्यवस्थापक ने सालेकसा थाने में 14 संस्था चालकों पर मामला दर्ज कराया।
सालेकसा पुलिस ने भादवी की धारा 406, 407, 408, 409, 420, 34 के तहत मामला दर्ज कर आगे की जांच पुलिस कर रही है।

जिले में पहली बार धान खरीदी संस्थाओं पर इतनी बड़ी कार्रवाई
गोंदिया जिला धान उत्पादक जिले के रूप में पूरे राज्य में जाना जाता है जिसमें खरीफ और रबी मौसम में लाखों कुंटल धान का उत्पादन किसानों द्वारा किए जाने के पश्चात राज्य सरकार द्वारा शासकीय आधारभूत खरीदी केंद्रों के माध्यम से धान की खरीदी की जाती है। किंतु गोंदिया जिले में इन संस्थाओं द्वारा बड़े पैमाने पर धान खरीदी में घोटाले किए जा रहे हैं।
अब पहली बार इन संस्थाओं के घोटालों की जांच कर बड़ी कार्यवाही हो रही है। लेकिन इसके पूर्व धान खरीदी घोटाले की जांच में मात्र लीपापोती कर संस्था संचालकों को बचाया जाता था।
लेकिन अब यह देखना है कि इन कार्रवाईयों के पश्चात इन संस्था संचालकों पर शासन द्वारा क्या कड़ी कार्रवाई की जाती है।
उल्लेखनीय है कि इसके पूर्व गोरेगांव में नेहरू भात गिरनी के धान खरीदी के मामले में भाजपा नेता रेखलाल टेंभरे पर कार्रवाई होने के पश्चात अब सालेकसा तहसील की दो संस्थाओं पर जांच व कार्रवाई की गई है।
जिसमें करीब 3.50 करोड़ रुपए के घोटाले के मामले सामने आए हैं।
जिले की अन्य संस्थाओं की भी जांच की जाए तो यह आंकड़ा करीब 300 करोड रुपए से अधिक के ऊपर पहुंचने की संभावना है।

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