जिला परिषद, पंचायत समिति व नगर पंचायत में दूसरे दिन भी नहीं हुए नामांकन दाखिल

बुलंद गोंदिया। गोंदिया जिला परिषद, पंचायत समिति व जिले की तीन नगर पंचायतों के नामांकन बुधवार 1 दिसंबर से शुरू हुए हैं। लेकिन पहले वह दूसरे दिन भी एक भी उम्मीदवार के नामांकन दाखिल नहीं हुए।
गौरतलब है कि जिला परिषद,पंचायत समिति व तीन नगर पंचायत के चुनावी कार्यक्रमों की घोषणा हो चुकी है। चुनावी कार्यक्रम के अनुसार बुधवार 1 दिसंबर से उम्मीदवारों को अपने नामांकन दाखिल करना है। जिसमें जिला परिषद व पंचायत समिति के लिए 6 दिसंबर तथा नगर पंचायत के लिए 7 दिसंबर नामांकन पेश करने की अंतिम तारीख है । जिसमे उम्मीदवारों को अपने नामांकन ऑनलाइन भरना है।
जिले में अभी तक सभी प्रमुख राजकीय दलो द्वारा अपने–अपने उम्मीदवारों की सूची की घोषणा नहीं की है तथा प्रत्येक राजकीय दल संभावित उम्मीदवारों से मुलाकात कर रहे हैं, जिसके चलते सभी राजकीय दल के उम्मीदवार द्वारा आखिरी 2 दिनों में आवेदन भरने की संभावना जताई जा रही है।
नामांकन के दूसरे दिन भी किसी के आवेदन प्राप्त नहीं हुए इस प्रकार की जानकारी चुनाव विभाग के अधिकारी द्वारा दी गई है।
अंतिम दिनों में होंगी भीड़ टिकट ना मिलने पर बागियों की बढ़ेगी संख्या
जिले की व ग्रामीण की राजनीति में महत्वपूर्ण जिला परिषद, पंचायत समिति ,नगर पंचायत व ग्राम पंचायत की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। जिसके चलते चुनाव लड़ने वाले इच्छुक उम्मीदवारों की संख्या अधिक हो चुकी है। यदि राजकीय पक्षों से टिकट प्राप्त नहीं होने पर बागी के रूप में चुनाव लड़ने की भूमिका अनेक उम्मीदवारों द्वारा बनाई गई है। किंतु अभी तक राजकीय पक्ष द्वारा अपने उम्मीदवारों की सूची फाइनल नहीं की है। जिसमें कांग्रेश पक्ष की सूची मंजूरी के लिए मुंबई जा चुकी है । वही राष्ट्रवादी कांग्रेस द्वारा 2 दिसंबर को संभावित उम्मीदवारों का साक्षात्कार लिया है तथा करीब करीब भाजपा के उम्मीदवारों की सूची फाइनल हो चुकी है किंतु बागी उम्मीदवारों को रोकने के लिए अपनी सूची को रोका हुआ है । जिसके चलते राजकीय उम्मीदवारों की घोषणा होते ही उम्मीदवारों द्वारा आवेदन किए जाने की भीड़ बढ़ने की संभावना है ।उल्लेखनीय है कि जिला परिषद के चुनाव में नगर परिषद क्षेत्र में नगरसेवक के रूप में कार्य करने वाले कुछ लोगों द्वारा अपने नाम जिला परिषद क्षेत्र में पंजीयन करवाया है तथा वे जिला परिषद की उम्मीदवारी के लिए प्रयास कर रहे हैं जिसके चलते ग्रामीण के स्थानीय कार्यकर्ताओं द्वारा बगावत के सुर बुलंद होते दिखाई दे रहे हैं जिससे ग्रामीण क्षेत्र में चर्चा चल रही है कि नगर परिषद में भी वे तथा जिला परिषद में भी वही सत्ता में पहुंचेंगे क्या।

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