बुलंद गोंदिया। ओबीसी समाज के राजकिय आरक्षण को बचाने में राज्य की महाविकास आघाडी सरकार असफल साबित हुई है। जिसका विरोध वह निषेध कर आरक्षण को पूर्ववत लागू करने की मांग को लेकर भारतीय जनता पार्टी गोंदिया शहर व ग्रामीण मंडल द्वारा 26 जून को जयस्तंभ चौक पर चक्का जाम आंदोलन सांसद सुनील मेढे के नेतृत्व किया गया।
इस अवसर पर सांसद सुनील मेंढे संबोधन करते हुए कहा कि जब तक ओबीसी समाज के राजकीय आरक्षण का मुद्दा हल नहीं होता तब तक स्थानीय स्वराज संस्था के चुनाव न किए जाएं। यदि असफल राज्य सरकार द्वारा समय पर उचित कदम उठाए जाते तो ओबीसी समाज को राजकिय आरक्षण खोने की नौबत नहीं आती। तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस मामले में पहल करते हुए आरक्षण बचाने का कार्य किया था। किंतु उसके पश्चात राज्य की आघाडी सरकार द्वारा इस पर नियमानुसार समय पर कार्रवाई व पूर्तता नहीं किए जाने के चलते आरक्षण रद्द हुआ है। साथ ही सरकार के मंत्री कहते हैं कि आरक्षण का मुद्दा हल होने तक स्थानीय स्वराज संस्था के चुनाव नहीं होने देंगे किंतु राज्य चुनाव आयोग द्वारा स्थानीय स्वराज्य संस्था के चुनावी कार्यक्रम घोषित किए हैं ।इस पर सरकार के मंत्री चुप बैठे हैं। उन्हें त्यागपत्र देकर सरकार से बाहर आने का आह्वान भी किया है। सुप्रीम कोर्ट का निर्णय 2 महीने पूर्व आ चुका है इस पर भी राज्य सरकार द्वारा ओबीसी समाज को राजकिय आरक्षण मिलने के लिए किसी भी प्रकार की कार्यवाही आगे नहीं बढ़ाई है। तथा उसकी निष्क्रियता के चलते चुनाव आयोग द्वारा चुनावी कार्यक्रम घोषित किया गया है। इसका विरोध कर आज भाजपा रस्ते पर उतरकर आंदोलन कर रही है तथा भविष्य में और तेज आंदोलन करने की चेतावनी दी।
उपरोक्त आंदोलन में प्रमुख रूप से पूर्व विधायक रमेश भाऊ कुथे, नेतराम कटरे, नगराध्यक्ष अशोक इंगळे, संजय कुलकर्णी, शहराध्यक्ष सुनील केलनका, ग्रामीण अध्यक्ष ठाकरे, भावना कदम, संजय टेंभरे, दीपक कदम, न प सभापती राजकुमार कुथे, न प सभापती बंटी पंचबुद्धे, नंदकुमार बिसेन, अशोक चौधरी, राजेश चतुर, ऋषिकांत साहू, गजेंद्र फुंडे, मनोज मेंढे, अशोक हरिणखेडे, अमित झा, सुधीर ब्राम्हणकर, योगराज रहांगडाले, संजय मुरकुटे, तिजेश गौतम, मुकेश चन्ने,चंद्रभान तरोने, माधुरी रहांगडाले, देवचंद नागपुरे, अर्जुन नागपुरे, राजेश नागरीकर, गुड्डू कारडा, पारस पुरोहित, पलाश लालवानी प्रमिलाताई सिंद्रामे, शंभूशरण सिंह ठाकुर, रिता सुधीर बागडे, सुशील राऊत, कुलदीप रिणाईत, सत्यम बहेकार, प्रतीक तिवारी, टिकाराम भाजीपाले, बंडू मानकर, सुनील ब्राम्हणकर, शेरसिंग कटरे, जगदीश हुमे,उमा महाजन, प्रीती बन्सोड, सुभाष बागडे, प्रीती शहारे, संदीप असाटी, धनराज रहीले, टिंगु अग्रवाल, विनोद चांदवानी, बबली ठाकूर, बंटी शर्मा, राकेश अग्रवाल, आत्माराम दसरे, रतनलाल बघेले, डॉ मुन्नालाल तुरकर, हिरालाल टेंभरे, दलजीत मान, अर्पित पांडे, पुरुषोत्तम ठाकरे, शुभम तिवारी, ऋषभ शिवहरे, पंकज भिवगड़े, सुमित महावत, तरुण मोदी, विजय रहांगडाले, अजिंक्य इंगळे, निखिल मुरकुटे, संदीप श्रीवास, नितीन भदाडे, मंगेश श्रीवास, उत्तम भगत, सुनिल टेंभरे, देवलाल पटले, बबलु राणे, राजकुमार टेकाम संतोष राहंगडाले, पुरण भंडारी,अभिलेख खोबरागड़े, टिकाराम टेंभरे, चैनलाल लिल्हारे, लक्षमी निर्विकार, आशा जैन,महेंद्र आबेंडारे, सुरेंद्र गेडाम आदी पदाधिकारी, लोकप्रतिनिधी व कार्यकर्ता आंदोलन शामिल थे।
ओबीसी के राजकिय आरक्षण बचाने में राज्य की सरकार असफल भाजपा ने विरोध कर किया चक्काजाम आंदोलन, ओबीसी समाज के हितों की रक्षा के लिए और तेज आंदोलन किया जाएगा- सांसद सुनील मेढे
