रक्त मित्र विनोद चाँदवानी(गुड्डु) द्वारा किया जा रहा नेत्र दान का प्रचार
बुलंद गोंदिया। दृष्टि है तो श्रष्टि है कहते है ना की क्या लेकर आए थे इस दुनिया मैं क्या लेकर जाएंगे ईश्वर ने मनुष्य की रचना भी कुछ सोच समझकर की होगी इस रचना मैं मनुष्य को जानने पहचाने के लिए नेत्र भी दिए किसी व्यक्ति को अगर नेत्र के मूल्य को जानना है तो बस कुछ पल के लिए आप अपने नेत्रों को बंद करके देख लो आपको खुद ही इसका महत्व समझ मैं आ जाएगा । आज लाखों लोग जो जन्म से या किसी घटना मैं अपनी नेत्र ज्योति को गवां चुके है बस इसी आस मैं जी रहे है की कोई न कोई हमे अपने नेत्र देकर हमें इस ईश्वर द्वारा बनाई गई सुंदर रचना देखने का सौभाग्य देगा किसी सूरदास व्यक्ति को अगर किसी के द्वारा नेत्र दान स्वरूप दिए जाते है तो समझिए उस व्यक्ति के लिए मानो ईश्वर साक्षात इस धरती पर दर्शन देने उतर आए हो
इसी कड़ी मैं आज आशीष रमेशचन्द्र अग्रवाल गोंदिया हॉस्पिटल मेडिकल द्वारा अपने जन्मदिन पर अपने पिता रमेशचंद्र जी व माता के समक्ष नेत्र दान का संकल्प लिया।
इस अवसर पर आशीष ने कहा की मै इस दुनिया कल मैं रंहु ना रंहु पर मेरे नेत्र किसी को जरूरत मंद सूरदास व्यक्ति को लगते है तो मेरा जन्म अवश्य सार्थक हो जाएगा इस संकल्प कार्य मैं आकाश अग्रवाल, विनोद चाँदवानी(गुड्डु) व उनके घर के परिजन उपस्थित थे।
आशीष ने जन्मदिन पर नेत्र दान का लिया संकल्प
