बुलंद गोंदिया। गोंदिया नगर परिषद क्षेत्र अंतर्गत नगर परिषद के मालकियत की अधिग्रहित भूमि जिनमें से कुछ स्थानों पर अतिक्रमण हो चुका है। उनका भूमि अभिलेख विभाग से नामजोक करवा कर जिस प्रयोजन के लिए आरक्षित की गई है वे विकास कार्य शुरू किए जाएंगे इस प्रकार की जानकारी गोंदिया नगर परिषद के नगर रचना विभाग सभापति जितेंद्र( बंटी) पंचबुद्धे ने दी।
गौरतलब है कि गोंदिया नगर परिषद द्वारा वर्षों पूर्व शहर के विभिन्न विकासात्मक कार्यों के लिए भूमि का आरक्षण कर अधिग्रहित की थी लेकिन इतने वर्षों से उपरोक्त भूमि का संबंधित प्रयोजन के लिए उपयोग ना होने से अतिक्रमणकारियों द्वारा अतिक्रमण कर लिया इस संदर्भ में नप के जनप्रतिनिधि के रूप में निर्वाचित होने के पश्चात विशेष ध्यान देते हुए तथा नगर रचना विभाग के सभापति बनने के बाद अपनी प्राथमिकता में इसे रखते हुए उपरोक्त अधिग्रहित अधिक्रमित जमीनों को अतिक्रमणकारियों के चुंगल बचाने कार्य शुरू किया तथा सभी संबंधित भूमि का भूमि अभिलेख विभाग के माध्यम से नाप जोक करवा कर निर्ध निर्धारित नियोजन के लिए आरक्षित जमीन में पर विकास कार्य शुरू किया गया तथा जिन जमीनों का अभी तक नाप जोक नहीं हुआ है उनका भी जल्द से जल्द नापजोक करा कर विकास कार्य शुरू किया जाएगा इस प्रकार की जानकारी नगर रचना सभापति जितेंद्र (बंटी) पंचबुद्धे ने देते हुए बताया कि नगराध्यक्ष अशोक इंगले के आदेश पर मुख्य अधिकारी के मार्गदर्शन में कार्य शुरू किया गया है। जिनमें मुख्य रूप से स्कूल के लिए आरक्षित टी.बि टोली की खसरा नंबर 252 कुड़वा की जमीन ,मामा चौक स्थित बगीचे के लिए आरक्षित गट नंबर 258 गोंदिया खुर्द व बाजपाई वार्ड पिंडकेपार गौशाला के समीप बगीचे के लिए आरक्षित भूमि तथा सूर्या टोला रावजीभाई कि समाजवाडी के पास खेल के मैदान के लिए आरक्षित जमीन का पुनः मोजमाप कर कार्य शुरू किया जाएगा। इसके इसके अलावा नप की अधिग्रहित आरक्षित भूमि पर विकास कार्य शुरू किए गए हैं जिसमें स्कूल के लिए आरक्षित ईदगाह के पीछे की भूमि पर स्कूल का निर्माण शुरू हो चुका है। बगीचे के लिए आरक्षित टी.बि टोली की जमीन पर भी कार्य शुरू किया गया रिंग रोड मजार के पीछे फायर स्टेशन का कार्य शुरू हो गया है।
भूमि अभिलेख व राजस्व विभाग का असहयोग
गोंदिया नगर परिषद द्वारा अपने मालकियत कि आरक्षित जमीन का मौज माप करने के लिए नगर रचना विभाग के माध्यम से आवेदन किया गया है। लेकिन विभाग द्वारा पूर्ण रूप से सहयोग नहीं दिया जा रहा है तथा समय पर नापजोक का कार्य नहीं होने से विकास कार्यों में बाधा निर्माण हो रही है।
भूमि अभिलेख विभाग ने पूर्व में अनेक भूमियों का गलत नापजोक किया
गोंदिया नगर परिषद के मालकियत अधिग्रहित भूमि का पूर्व में भूमि अभिलेख विभाग द्वारा नाम जो किया गया थातथा राजस्व विभाग ने भी संबंधित भूमि का गलत फेरफार किया है। जिसकी वर्तमान में उनकी स्थिति देखने पर साफ नजर आता है कि तत्कालीन अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा किसी राजनीतिक दबाव के चलते गलत नापजोक किया गया जिससे अतिक्रमणकारियों को अतिक्रमण करने का अवसर मिल गया आज जब फिर से उनका डीएलआर करवाया जा रहा है तो इस प्रकार की गंभीर समस्या सामने आ रही है। इसके लिए कौन जिम्मेदार इस पर प्रश्नचिन्ह निर्माण हो रहा है। शासन द्वारा नागरिकों के टैक्स के पैसों से शहर के विकास के लिए भूमि आरक्षित कर अधिग्रहित की गई लेकिन अब वह अतिक्रमणकारियों के चुंगल में आ चुकी है जिससे शहर के नागरिकों के टैक्स की राशि का दुरुपयोग होने के साथ ही विकास कार्यों में बाधा आ रही है तथा नगर परिषद प्रशासन की करोड़ों रुपए की जमीन के अस्तित्व पर भी प्रश्नचिन्ह निर्माण हो रहा है। शहर के नागरिकों की सुविधाओं के लिए नगर परिषद प्रशासन द्वारा अब इन सभी समस्याओं को दूर कर विकास कार्य शुरू किए गए हैं।