कृषि उत्पन्न बाजार समिति संचालक धनलाल ठाकरे की भ्रष्टाचार के आरोप में सदस्यता रद्द 34 फर्जी नियुक्तिया वेतन के 3 करोड़ 82 लाख रुपए की वसूली का आदेश

बुलंद गोंदिया। गोंदिया कृषि उत्पन्न बाजार समिति में 34 अस्थाई कर्मचारियों की नियमबाहय नियुक्ति के आदेश के मामले में जिला उप निबंधक सहकारी
प्रशांत सोनारकर द्वारा मामले की जांच कार्यवाही करते हुए संचालक धनलाल ठाकरे की संचालक पद से सदस्यता रद्द कर कर्मचारियों को दिए गए वेतन की राशि के तीन करोड़ 82 लाख 64135 रुपए की वसूली का आदेश का दिया है।

गौरतलब है की कृषि उत्पन्न बाजार समिति तत्कालीन संचालक मंडल के उपसभापति धनलाल ठाकरे द्वारा अपने हस्ताक्षर से 34 अस्थाई कर्मचारियों के नियुक्ति आदेश व पांचवें व छठवें वेतन आयोग की वेतन श्रेणी लागू करने का आदेश जारी किया गया था । इसके लिए जिलाउप निबंधन विभाग सहकारी संस्था गोंदिया के कार्यालय से किसी भी प्रकार की निम्य नुसार लिखित में मंजूरी प्राप्त नहीं की थी जो की नियम के बाहर है।
शिकायत के पश्चात जिला उपनिवंधक प्रशांत सोनारकर द्वारा मामले की जांच कर वर्तमान संचालक व तत्कालीन उपसभापति धनलाल ठाकरे को दोषी करार दिया तथा दोषी करार देने के पश्चात धनलाल ठाकरे की सदस्यता रद्द करने के साथ ही तत्कालीन संचालक मंडल व धनलाल ठाकरे से कर्मचारियों को दिए गए वेतन के तीन करोड़ 82 लाख 64135 की वसूली का भी आदेश दिया है

34 फर्जी नियुक्तियाँ, करोड़ों का नुकसान
जांच में पाया गया कि श्री ठाकरे ने अपने कार्यकाल में नियमों को ताक पर रखकर 34 अस्थायी कर्मचारियों की फर्जी नियुक्ति की। यही नहीं, पहले उन्हें पाँचवीं और फिर छठी वेतनश्रेणी लागू कर दी, जिससे समिति को कुल 3 करोड़ 82 लाख 64 हजार 135 रुपये का आर्थिक नुकसान हुआ।

पद का दुरुपयोग और शासन को गुमराह करने का आरोप
जिला उपनिबंधक द्वारा जारी आदेश में स्पष्ट किया गया कि ठाकरे ने अपने पद का गंभीर दुरुपयोग किया और शासन को गुमराह करते हुए अनियमित नियुक्तियाँ की। यह पूरी प्रक्रिया न केवल नियमों के खिलाफ थी, बल्कि समिति के वित्तीय संतुलन को भी बुरी तरह प्रभावित किया।

भ्रष्टाचार के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई, जब्ती और वसूली की तैयारी
प्रशासन अब इस घोटाले में जब्ती और वसूली की कार्रवाई की भी तैयारी कर रहा है। अधिकारियों का कहना है कि भ्रष्टाचार से जुड़े प्रत्येक व्यक्ति पर उचित कानूनी कदम उठाए जाएंगे ताकि भविष्य में इस तरह की धांधली न दोहराई जा सके।

जनता ने बदलाव किया, घोटाले उजागर हुए
गौरतलब है कि दो वर्ष पूर्व हुए कृषि उत्पन्न बाजार समिति के चुनाव में जनता ने पूर्व संचालक मंडल की भ्रष्ट गतिविधियों से त्रस्त होकर तख्तापलट किया था। नए संचालक मंडल के कार्यकाल में लगातार पुराने घोटालों की जांच करवाई जा रही है और इसी क्रम में यह बड़ा खुलासा हुआ।

आगे क्या?
प्रशासन का कहना है कि यह सिर्फ शुरुआत है और भविष्य में और भी घोटाले उजागर हो सकते हैं। अब देखना यह होगा कि अधिकारियों द्वारा दोषियों पर किस तरह की सख्त कार्रवाई की जाती है और कितनी जल्दी जनता को न्याय मिलता है।

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