प्रशासकीय मंजूरी के बिना कार्यों का भूमि पूजन कर पूर्व विधायक जनता को कर रहे गुमराह -अमित भालेराव

बुलंद गोंदिया। शासकीय कार्यों केलिए प्रशासकीय मंजूरी आवश्यक होती है लेकिन बिना किसी प्रकार से के प्रशासकीय मंजूरी के कार्यों का भूमि पूजन कर जनता को गुमराह करने का आरोप डॉ बाबासाहेब आंबेडकर जयंती समिति के पूर्व अध्यक्ष अमित भालेराव व घनश्याम पानतवणे द्वारा पूर्व विधायक गोपाल दास अग्रवाल पर लगाया गया ।
शासकीय विश्रामगृह में आयोजित पत्र परिषद में अमित भालेराव व पानतवणे द्वारा पूर्व विधायक गोपाल दास अग्रवाल पर आरोप लगाते हुए कहा कि भीम नगर परिसर मेंभीम द्वार के निर्माण का भूमि पूजन पूर्व विधायक द्वारा करना निश्चित किया गया था। इसके संदर्भ में जानकारी प्राप्त करने पर उपरोक्त कार्य की किसी भी प्रकार की प्रशासकी मंजूरी नहीं ली गई तथा भाजपा सरकार से 10 करोड रुपए वैशिष्ठ पूर्ण योजना के अंतर्गत तथा 2 करोड रुपए अल्पसंख्यक समुदाय विकास के लिए विकास के लिए निधि उन्हें प्राप्त हुई थी जिसकी प्रशासकीय मंजूरी भी उन्हें मिल चुकी है, लेकिन उपरोक्त कार्य की मंजूरी नहीं प्राप्त की गई है।
शासकीय कार्य के लिए सार्वजनिक बांधकाम विभाग, जिला परिषद व नगर परिषद जिलाधिकारी कार्यालय से प्रशासकीय मान्यता प्राप्त कर शासन के नियमानुसार निधि का एस्टीमेट बनाकर विकास कार्यों का भूमि पूजन निर्वाचित जनप्रतिंनिधी द्वारा किया जाता है।
लेकिन विधानसभा चुनाव का बिल्कुल बजाने के साथ ही भाजपा से दल बदल कर कांग्रेस में आए पूर्व विधायक गोपाल दास अग्रवाल के पास किसी भी प्रकार की शासकीय निधि ना होने के बावजूद बहुत बौद्ध व मुस्लिम समाज को गुमराह करने के लिए भूमि पूजन कर रहे हैं। जिससे आगामी होने वाले चुनाव की निष्पक्षाता भी प्रभावित हो रही है इस मामले में चुनाव आयोग व जिलाधिकारी से निवेदन कार्यवाही करने की मांग की गई है यदि प्रशासन द्वारा यह नहीं किया जाता है तो समिति के माध्यम से आंदोलन किया जाएगा।
आयोजित पत्र परिषद के अवसर पर समिति के पूर्व अध्यक्ष अमित भालेराव, नगर परिषद के पूर्व गट नेता घनश्याम पानतवणे, पूर्व नगर अध्यक्ष कशिश जायसवाल,पूर्व उपाध्यक्ष शिव शर्मा, धर्मेश (बेबी) अग्रवाल आदि उपस्थित थे।

Share Post: