बोरवेल मिस्त्रियों का कामबंद आंदोलन पानी के लिए मचा हाहाकार , प्रशासन बेखबर

बुलंद गोंदिया।( संवाददाता सालेकसा)- वेतन भत्ते की मांग को लेकर 7 अप्रैल से सालेकसा पंचायत समिति तहत कार्यरत समस्त बोरवेल मिस्त्रीयों ने काम बंद आंदोलन छेड़ रखा है। बोरवेल मिस्त्रीयो के घर में बैठ जाने से ग्रामीण अंचल में इसका भारी असर देखने को मिल रहा है। बोरवेल खराब हो जाने पर उसको मरम्मत करने वाला कोई नहीं होने से अब ग्रामीण पानी के लिए दर-दर भटक रहे हैं। एक ओर कोरोना का असर , लॉकडाउन की मार और ग्रीष्म काल। ऐसे भयंकर स्थिति में प्रशासन का बेखबर होना और मिस्त्रीयों की मांग की ओर अनदेखी करना कहां तक उचित होगा? यह तो पंचायत समिति प्रशासन को ही मालूम लेकिन एन गर्मियों के दिनों में पानी की किल्लत ग्रामीणों के लिए भारी समस्या बन गई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार विगत 07 अप्रैल से सालेकसा तहसील के समस्त बोरवेल मिस्त्रीयों ने अपने वेतन भत्ते को लेकर कामबंद आंदोलन छेड़ रखा है। तत्सम्बध की चेतावनी भरा आवेदन उन्होंने खंडविकास अधिकारी सालेकसा , उप-अभियंता यांत्रिकी ग्रामीण पाणीपुरवठा जी. प. गोंदिया , मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद गोंदिया , तहसीलदार सालेकसा तथा थानेदार सालेकसा को दिनांक 01 अप्रैल को सादर किया था। जिसमें चेतावनी दी गई थी कि अगर 1 सप्ताह में उनकी मांग पर विचार नहीं किया गया तो वे दिनांक 07 अप्रैल से काम बंद कर देंगे। जिला प्रशासन और तहसील प्रशासन उनकी मांग की ओर अनदेखी की और आज भुगतना ग्रामीण जनों को पढ़ रहा है। इसपर शीघ्र कोई ठोस उपाय करने की मांग ग्रामीणों जनों ने की है।

जी. प. प्रशासन को लिखित जानकारी दी
बोरवेल बंद होने से निर्माण होने वाले पानी की दिक्कत का निराकरण करने की सूचना ग्राम पंचायत के सरपंच/सचिव को दी गई है। बोरवेल मिस्त्रीयों की मांग पूरी करना हमारे बस में नहीं है। जिला परिषद स्तर पर इसका विचार किया जाना चाहिए। इसकी लिखित सूचना हमने जी. प. प्रशासन को दे दी है।

एस. टी. तुरकर , खण्डविकास अधिकारी प. स. सालेकसा गोंदिया

Share Post: